Hindi, asked by sumanjgupta2017, 25 days ago

Sant mirabai poem in Hindi​

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Answered by nandakish2009
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मीराबाई की कवितायेँ नहिं भावै थांरो देसड़लो जी रंगरूड़ो॥ थांरा देसा में राणा साध नहीं छै, लोग बसे सब कूड़ो। गहणा गांठी राणा हम सब त्यागा, त्याग्यो कररो चूड़ो॥

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Answered by pcsolanki201
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POEM =

नहिं भावै थांरो देसड़लो जी रंगरूड़ो॥थांरा देसा में राणा साध नहीं छै, लोग बसे सब कूड़ो।गहणा गांठी राणा हम सब त्यागा, त्याग्यो कररो चूड़ो॥काजल टीकी हम सब त्याग्या, त्याग्यो है बांधन जूड़ो।मीरा के प्रभु गिरधर नागर बर पायो छै रूड़ो॥

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