sant ras ka example hindi me
Answers
Ab andhiyara mit gaya jan deepak dekhya Mahi...)
Example of Sant Ras in hindi.
शांत रस :-
शान्त रस अर्थ है तत्त्व, ज्ञान की प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य होने पर शान्त रस की उत्पत्ति होती है। जहाँ न दुःख है, न सुख, न द्वेष है, न राग और न कोई इच्छा है, ऐसी मन:स्थिति में उत्पन्न रस को मुनियों ने ‘शान्त रस’ कहा है। स्थायी भाव–निर्वेद।आलम्बन विभाव–परमात्मा का चिन्तन एवं संसार की क्षणभंगुरता। अनुभाव–पूरे शरीर में रोमांच, पुलक, अश्रु आदि।। संचारी भाव–धृति, हर्ष, स्मृति, मति, विबोध, निर्वेद आदि।
उदाहरण :-
कबहुँक हौं यहि रहनि रहौंगो।
श्री रघुनाथ–कृपालु–कृपा तें सन्त सुभाव गहौंगो।।
जथालाभ सन्तोष सदा काहू सों कछु न चहौंगो।
परहित–निरत–निरंतर मन क्रम बचन नेम निबहौंगो॥
इस पद में तुलसीदास ने श्री रघुनाथ की कृपा से सन्त–स्वभाव ग्रहण करने की कामना की है। ‘संसार से पूर्ण विरक्ति और निर्वेद’ स्थायी भाव हैं। ‘राम की भक्ति’ आलम्बन है। साधु–सम्पर्क एवं श्री रघुनाथ की कृपा उद्दीपन है। धैर्य, सन्तोष तथा अचिन्ता ‘अनुभाव’ हैं। ‘निर्वेद, हर्ष, स्मृति’ आदि’ संचारी भाव हैं।
उदाहरण :-
जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही,
सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही |
अर्थात :- जब मैं अपने अहंकार में डूबा था, तब प्रभु को न देख पाता था, लेकिन जब गुरु ने ज्ञान का दीपक मेरे भीतर प्रकाशित किया तब अज्ञान का सब अन्धकार मिट गया, ज्ञान की ज्योति से अहंकार जाता रहा और ज्ञान के आलोक में प्रभु को पाया.
रस की परिभाषा :-
काव्य को पढ़कर मिलने वाली अंदरूनी खुशी को रस कहा जाता है। इसे इस प्रकार समझा जा सकता है कि यदि कोई कविता पढ़कर आप प्रेरित एवं उत्तेजित हो जाते हैं तब उस कविता में वीर रस का प्रयोग किया गया है।इसी प्रकार अन्य कई प्रकार के रस हैं जिन्हे मिलाकर काव्य का निर्माण किया जाता है। यह सभी रस काव्य को गढ़ने के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। विश्व में मौजूद हर तरह के काव्य में किसी न किसी प्रकार का रस सम्मिलित है। रस प्रायः 11 प्रकार के होते हैं।