Hindi, asked by kabeerban25, 8 months ago

sanvad on earth day in hindi

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Answered by krishaggarwal94
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Answer:

भारतीय कालगणना दुनिया में सबसे पुरानी है। इसके अनुसार, भारतीय नववर्ष का पहला दिन, सृष्टि रचना की शुरुआत का दिन है। आईआईटी, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ. बिशन किशोर कहते हैं कि यह एक तरह से पृथ्वी का जन्मदिन की तिथि है। तद्नुसार इस भारतीय नववर्ष पर अपनी पृथ्वी एक अरब, 97 करोड़, 29 लाख, 49 हजार, 104 वर्ष की हो गई।

वैदिक मानव सृष्टि सम्वत के अनुसार, मानव उत्पत्ति इसके कुछ काल बाद यानी अब से एक अरब, 96 करोड़, आठ लाख, 53 हजार, 115 वर्ष पूर्व हुई। जाहिर है कि 22 अप्रैल, पृथ्वी का जन्म दिवस नहीं है। चार युग जब हजार बार बीत जाते हैं, तब ब्रह्मा जी का एक दिन होता है। इस एक दिन के शुरू में सृष्टि की रचना प्रारम्भ होती है और संध्या होते-होते प्रलय। ब्रह्मा जी की आयु सौ साल होने पर महाप्रलय होने की बात कही गई है। रचना और प्रलय... यह सब हमारे अंग्रेजी कैलेण्डर के एक दिन में सम्भव नहीं है।

स्पष्ट है कि 22 अप्रैल, पृथ्वी का प्रलय या महाप्रलय दिवस भी नहीं है। फिर भी दुनिया इसे ‘इंटरनेशनल मदर अर्थ डे’ यानी ’ अन्तरराष्ट्रीय माँ पृथ्वी का दिन’ के रूप में मनाती है। हम भी मनाएँ, मगर यह तो जानना ही चाहिए कि क्या हैं इसके सन्दर्भ और मन्तव्य? मैंने यह जानने की कोशिश की है; आप भी करें।

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