Economy, asked by tukeshwersahu232, 1 month ago

सप
1. आद्यागिक वाकस
2. उद्योगों में नियमन एवं नियंत्रण के प्रमुख उद्देश्य बताइये ।

Answers

Answered by sonamsharmanamo
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Answer:

सबसे महत्‍वपूर्ण है औद्योगिक (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1951 (आईडीआरए) जो औद्योगिक नीति संकल्‍प, ... अधिनियम के मुख्‍य उद्देश्‍य सरकार के निम्‍नलिखित शक्तियां प्रदान करना है:- (i) उद्योगों के विकास के लिए आवश्‍यक कदम उठाना; (ii) औद्योगिक विकास की पद्धति और दिशा को ... इस अधिनियम के अंतर्गत केन्‍द्र सरकार को सौंपी गई नियंत्रण शक्ति किसी ऐसे औद्योगिक उपक्रम ..

Explanation:

Answered by hardiksharma50
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Answer:

औद्योगिक (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, १९५१

केन्‍द्र सरकार को अपनी औद्योगिक नीतियों को कार्यान्वित करने के लिए साधन मुहैया कराने की दृष्टि से कई विधान लागू किए गए है और बदलते हुए परिवेश के अनुरूप उनमें संशोधन किया गया है। सबसे महत्‍वपूर्ण है औद्योगिक (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1951 (आईडीआरए) जो औद्योगिक नीति संकल्‍प, 1948 के अनुसरण में लागू किया गया था। यह अधिनियम केन्‍द्र सरकार द्वारा भारत में उद्योगों के विकास और पंजीकरण के प्रयोजनार्थ तैयार किया गया था।

अधिनियम के मुख्‍य उद्देश्‍य

अधिनियम के मुख्‍य उद्देश्‍य सरकार के निम्‍नलिखित शक्तियां प्रदान करना है:- (i) उद्योगों के विकास के लिए आवश्‍यक कदम उठाना; (ii) औद्योगिक विकास की पद्धति और दिशा को नियंत्रित करना; (iii) जनहित में औद्योगिक उपक्रमों के कार्यकलापों, निष्‍पादन और परिणामों को नियंत्रित करना है। यह अधिनियम इस अधिनियम की पहली अनुसूची में 'अनुसूचीबद्ध उद्योगों' पर लागू होता है। लेकिन, लघु औद्योगिक उपक्रम तथा अनुषंगी इकाइयों को अधिनियम के उपबंधों से छूट दी गई है।

यह अधिनियम उद्योग और वाणिज्‍य मंत्रालय द्वारा उसके औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के माध्‍यम से प्रशासित किया जाता है। डीआईपीपी औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए संवर्धनात्‍मक और विकासात्‍मक तैयारी करने और कार्यान्वित करने के लिए जिम्‍मेदार है। यह सामान्‍य रूप में औद्योगिक विकास और उत्‍पादन और विशेष रूप में चुनिन्‍दा औद्योगिक क्षेत्रों जैसे कि सीमेंट, कागज और लुगदी, चमड़ा, टायर और रबर हल्‍के बिजली उद्योगों, उपभोक्‍ता वस्‍तुओं, उपभोक्‍ता टिकाऊ वस्‍तुओं, हल्‍के मशीन यंत्रों, हल्‍की औद्योगिक मशीनरी, इल्‍के इंजीनियरों उद्योगों आदि की निगरानी करता है। यह देश में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के अन्‍तर्वाह को सुसाध्‍य बनाने और उनमें वृद्धि करने उद्योग के विभिन्‍न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकीय क्षमता अधिग्रहण को प्रोत्‍साहन देने के लिए भी जिम्‍मेदार है।

अधिनियम के विभिन्‍न उपबंध

अधिनियम के विभिन्‍न उपबंध निम्‍नलिखित हैं :-

केन्‍द्र सरकार को उद्योगों को उद्योगों के विकास संबंधी मामलों, कोई नियम बनाने और अधिनियम को प्रशासित करने से संबंधित अन्‍य किसी मामले पर सलाह देने के प्रयोजन से संघ 'केन्‍द्रीय सलाहकार परिषद' की स्‍थापना करना। इसके सदस्‍यों में औद्योगिक उपक्रम के मालिकों के प्रतिनिधि, कर्मचारी, उपभोक्‍ता, मुख्‍य आपूर्तिकर्ता शामिल होंगे।

किसी अनुसूचित उद्योग अथवा अनुसूचित उद्योग समूह के विकास के प्रयोजन से एक विकास परिषद की स्‍थापना करना। इस परिषद में मालिकों के हितों का प्रतिनिधित्‍व करने वाले सदस्‍य, कर्मचारी उपभोक्‍ता आदि और उद्योगों के तकनीकी अथवा अन्‍य पहलुओं से संबंधित मामलों का विशेष जानकारी रखने वाले व्‍यक्ति शामिल होंगे।

विकास परिषद उसे केन्‍द्र सरकार द्वारा सौंपे गए निम्‍नलिखित कायों का निर्वहन करेगी:- (i) उत्‍पादन के लक्ष्‍यों की सिफारिश करना, उत्‍पादन कार्यक्रमों को स‍मन्वित करना और समय-समय पर प्रगति की समीक्षा करना। (ii) बरबादी को कम करने, अधिकतम उत्‍पादन प्राप्‍त करने, गुणवत्ता में सुधार करने और लागतों को कम करने के लिए कार्यकुशलता के मानदण्‍डों का सुझाव देना। (iii) संस्‍थापित क्षमता के भरपूर उपयोग सुनिश्चित करने तथा उद्योग विशेष रूप से कम कुशल यूनिटों की कार्य प्रणाली में सुधार करने के लिए उपायों की सिफारिश करना। (iv) बेहतर विपणन के प्रबंधों को बढ़ावा देना और उद्योग की उपज के वितरण और बिक्री की ऐसी प्रणाली का पता लगाना, जो उपभोक्‍ताओं के लिए संतोषप्रद हो। (v) उद्योग से जुड़े अथवा जुड़ने वाले व्‍यक्तियों के प्रशिक्षण और उस संबंधित तकनीकी और कलात्‍मक विषयों उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना आदि।

विकास परिषद समाप्‍त हुए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान अपने कार्यों के निर्वहन के लिए उसने क्‍या किया इस संबंध में एक रिपोर्ट (वार्षिक रूप से) तैयार करके केन्‍द्र सरकार और सलाहकार परिषद को प्रेषित करेगा। रिपोर्ट में लेखों के संबंध में लेखा परिक्षकों द्वारा तैयार की गई कोई भी रिपोर्ट की प्रति सहित विकास परिषद की उस वर्ष की लेखा विवरणी शामिल होगी।

आईडीआरए केन्‍द्र सरकार को सरकार द्वारा यथा निर्धारित उपयुक्‍त छूटों का लाइसेंस देने के जरिए उद्योगों के विकास के विनियमित करने की शक्तियां प्रदान करेगा लाइसेंस अधिनियम की अनुसूची में शामिल की गई विनिर्दिष्‍ट वस्‍तुओं के विनिर्माण के लिए औद्योगिक उपक्रम को सरकार की लिखित अनुमति होगी। इसमें औद्योगिक उपक्रम का ब्‍यौरा, इसका स्‍थल, विनिर्माण की जाने वाली वस्‍तुओं के आधार पर उसकी क्षमता और इस अधिनियम के तहत लागू की जाने वाली अन्‍य उचित शर्तें निहित होंगी।Explanation:

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