:सप्रसंग व्याख्या कीजिए तारक रचित नील अंबर और समुद्र के अवकाश में पवन उधम मचा रहा था अंधकार से मिलकर पवन दुष्ट हो रहा था समुद्र में आंदोलन था नोखा लहरों में विकल थी
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प्रस्तुत पंक्तियां ‘जयशंकर प्रसाद’ द्वारा रचित “आकाशदीप” कहानी से ली गई हैं।
“आकाशदीप” कहानी छायावाद युग के कवि एवं आधुनिक कथाकार ‘जयशंकर प्रसाद’ की सर्वाधिक चर्चित कहानियों में से एक है।
“आकाशदीप” कहानी चम्पा और बुद्धगुप्त के जीवन और कार्य पर आधारित है। कहानी का आरंभ भी दोनो के बीच संवादों से आरंभ होता है। दोनो बंदी थे और दोनो के बीच अपनी मुक्ति के लिये संवाद आरंभ होता है जो दोनों के मुक्त हो जाने पर प्रेम में बदल जाता है।
पंक्तियों में नायक और नायिका के बीच अपनी मुक्ति का प्रयास करने के लिये वह आपस में संवाद का आरंभ होता है। दोनों समुद्र में एक नाव पर बंदी थे | समुद्र के अवकाश में पवन उधम मचा रहे थे |
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सप्रसंग व्याख्या कीजिए तारक रचित नील अंबर और समुद्र के अवकाश में पवन उधम मचा रहा था अंधकार से मिलकर पवन दुष्ट हो रहा था समुद्र में आंदोलन था नोखा लहरों में विकल थी ?