Hindi, asked by dy1661999, 7 months ago

सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
उधौ मन मोहन न आबें, निठुर भए सरसावें
हम म्वाँ जोग, भोग कुब्जा खाँ, जा नई राय चलालें
जबसे गए खबर न भेजी, नहीं संदेस पठावें
आपुन जाय द्वारका छाए, कुब्जा कंठ न लगावे॥​

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Answer:

सप्रसंग व्याख्या कीजिए-

उधौ मन मोहन न आबें, निठुर भए सरसावें

हम म्वाँ जोग, भोग कुब्जा खाँ, जा नई राय चलालें

जबसे गए खबर न भेजी, नहीं संदेस पठावें

आपुन जाय द्वारका छाए, कुब्जा कंठ न लगावे॥

Explanation:

सप्रसंग व्याख्या कीजिए-

उधौ मन मोहन न आबें, निठुर भए सरसावें

हम म्वाँ जोग, भोग कुब्जा खाँ, जा नई राय चलालें

जबसे गए खबर न भेजी, नहीं संदेस पठावें

आपुन जाय द्वारका छाए, कुब्जा कंठ न लगावे॥

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