सप्रसंग व्याख्या लिखो तयो श्रमेण क्षेक्षाणी ससयपूणानि सबदा।
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निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- [1+1+2+1=5] "सूरज डूबने लगा और धीरे-धीरे ग्लेशियरों में पिघली केसर बहने लगी। बरफ कमल के लाल फूलों में बदलने लगी, घाटियाँ गहरी पीली हो गईं।
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