Hindi, asked by singhsheela1605, 6 months ago

सपनेहुं सुख नांही Iss vishay par laghu katha lekhan kariye.

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Answered by shaheenkausar006
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Explanation:

बादशाह अकबर अक्सर कई समस्याओें पर बीरबल के साथ चर्चा किया करते थे और साथ ही उनकी बुद्धि की परीक्षा भी लिया करते थे। वहीं, बीरबल भी हर समस्या का समाधान बड़े ही रोचक तरीके से करते थे।

एक बार की बात है महाराज अकबर और बीरबल दोनों शाही बगीचे में टहल रहे थे। दोनों के बीच किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही थी कि तभी अचानक बादशाह अकबर के दिमाग में बीरबल की परीक्षा लेने की सूझी।

बादशाह अकबर ने पास में पड़ी हुई एक लकड़ी की ओर इशारा करते हुए बीरबल से पूछा, “बीरबल एक बात बताओ, ये जो सामने लकड़ी पड़ी हुई है, क्या तुम इसे बिना काटे छोटा कर सकते हो?”

बीरबल, बादशाह अकबर के मन की बात समझ गए और वो लकड़ी बादशाह अकबर के हाथ में देते हुए बोले, “जी महाराज मैं इस लकड़ी को छोटा कर सकता हूं।”

बादशाह अकबर बोले, “वो कैसे भला।” तब बीरबल ने वहीं पास में पड़ी हुई एक बड़ी लकड़ी उठाई और बादशाह अकबर को पकड़ाते हुए पूछा, “महाराज इनमें से छोटी लकड़ी कौन-सी है?”

बादशाह अकबर बीरबल की चतुराई समझ गए और छोटी लकड़ी बीरबल के हाथ में देते हुए बोले, “वाकई बीरबल तुमने बिना काटे लकड़ी को छोटा कर दिया।” इसके बाद दोनों जोर-जोर से हंसने लगे।

कहानी से सीख:

बच्चों, इस कहानी से यह सीख मिलती है कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, दिमाग से काम लेकर उससे बाहर निकलने का रास्ता खोजा जा सकता है।

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