सपनों के गीत गाने का क्या तात्पर्य है
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‘सपनों के गीत गाने से’ तात्पर्य अपने उन सपनों को साकार रूप देने से है, जो सपने देखे गए थे। ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ में जब सलीम अली की मृत्यु हो गई तो लेखक जाबिर हुसैन ने यह बात लिखी थी। सलीम अली जो अब चिरनिद्रा में लीन हो गए हैं, वह अब अपने सपनों के गीत नहीं गा सकते, अर्थात अब वह हमेशा के लिए यह संसार छोड़ के चले गए हैं। अब वह अपने सपनों को साकार रूप नहीं दे सकते। उनके वे सपने जो उन्होंने पक्षियों के लिए देखे थे, उनके संरक्षण और विकास के लिए देखे थे।
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Answer:
सपनों के गीत गाने से' तात्पर्य अपने उन सपनों को साकार रूप देने से है, जो सपने देखे गए थे। 'साँवले सपनों की याद' पाठ में जब सलीम अली की मृत्यु हो गई तो लेखक जाबिर हुसैन ने यह बात लिखी थी।