सपनों के से दिन प्रश्न 1- लेखक के बचपन के दिनों में लोग पढ़ाई के बारे में क्या राय रखते थे ? प्रश्न 2- लेखक बचपन में ननिहाल में किस प्रकार समय बिताया करता था ? प्रश्न 3- मास्टर प्रीतम चंद छात्रों को कैसी सजा देते थे? प्रश्न 4- सपनों के - से दिन पाठ के आधार पर बताइये कि पढ़ाई में रुचि न होने के कारण बच्चे क्या करते थे? प्रश्न 5- प्रीतम चंद के कई दिनों तक स्कूल न आने का क्या कारण था? प्रश्न 6- लेखक के अनुसार माँ - बाप बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करते थे ? प्रश्न 7-अगली श्रेणी में चढ़ने पर लेखक को डर क्यों लगता था ? प्रश्न 8- गाँव के तालाब में पानी से खेलने का वर्णन लेखक ने कैसे किया है ? प्रश्न 9- अग्रेजों ने नाभा की सत्ता किस प्रकार हथियाई और अँग्रेजों ने अपनी फौज़ के लिए सैनिक किस प्रकार जुटाए ? प्रश्न 10- कहानी में वर्णित स्कूली जीवन और आज के स्कूली जीवन में क्या अंतर हैं? प्रश्न 11- सपनों के - से दिन पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक ने बचपन का वर्णन किस प्रकार किया है प्रश्न 12- पाठ के आधार पर बताइए कि कैसे स्कूल होने चाहिए जिनसे बच्चों की रूचि पढ़ाई में बढ़ाई जा सके
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सभी प्रश्नों के उत्तर एक साथ देना संभव नही है। कुछ चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार है...
प्रश्न 1- लेखक के बचपन के दिनों में लोग पढ़ाई के बारे में क्या राय रखते थे ?
► लेखक के बचपन के दिनों में लोग पढ़ाई के बारे में यह राय रखते थे कि जिन्हें तहसीलदार जैसी कोई नौकरी करनी हो उन्हें पढ़ना जरूरी है। व्यापारी, दुकानदारों के बच्चों को तो बस दो-चार अक्षर वहीखाते लिखने लायक पढ़ जाएं, वही बहुत है।
प्रश्न 2- लेखक बचपन में ननिहाल में किस प्रकार समय बिताया करता था ?
► लेखक अपनी ननिहाल में पूरा दिन मौज मस्ती करके समय बिताया करता था। लेखक की नानी लेखक को खूब दूध-दही-मक्खन खिलाती और बहुत स्नेह करती। लेखक मंडी के तालाब में अपने साथियों के साथ नहाता, रेतीले टीले पर लोटता और दिनभर गाँव में जाकर रेतीले टीले पर मस्ती करता रहता।
प्रश्न 3- मास्टर प्रीतम चंद छात्रों को कैसी सजा देते थे?
► मास्टर प्रीतम चंद छात्रों को कड़ी सजा देते थे। वह छात्रों को चमड़ी उधेड़ने की धमकी देते और क्रूरता से पिटाई करते। वे छात्रों को मुर्गा बनाते और उन पर बेहद क्रूरता दिखाते थे।
प्रश्न 4- सपनों के - से दिन पाठ के आधार पर बताइये कि पढ़ाई में रुचि न होने के कारण बच्चे क्या करते थे?
► पढ़ाई में रुचि ना होने के कारण बच्चे स्कूल जाने में ना-नुकर करते थे और कोई भी बच्चा ऐसा नहीं था जो बिना रोए स्कूल जाता हो। ज्यों-ज्यों स्कूल खुलने के दिन नजदीक आते बच्चों का दिल धड़कने लगता था। स्कूल से छुट्टियों जो भी गृह कार्य करने को दिया जाता था वह भी बच्चे ढंग से नहीं करते थे।
प्रश्न 5- प्रीतम चंद के कई दिनों तक स्कूल न आने का क्या कारण था?
► प्रीतम चंद का कई दिनों तक स्कूल ना आने का कारण यह था. क्योंकि प्रधानाचार्य ने बच्चों को कठोर दंड देने के कारण प्रीतम चंद को निलंबित कर दिया था और उनके निलंबन की अर्जी शिक्षा विभाग के डायरेक्टर के पास भेज दी थी। इस कारण पीतमचंद स्कूल नही आये।
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