Hindi, asked by NiCK08, 5 months ago

'सपनो के से दिन' पाठ के लेखक और 'टोपी शुक्ला' नामक पात्र का बचपन एक जैसा- सा है। आपके बचपन से इनकी कथा कैसे मिलती-जुलती है?​

Answers

Answered by HIMANIJHA2006
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Answer:

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Explanation:

बचपन में भले ही सभी सोचते हों की काश! हम बड़े होते तो कितना अच्छा होता। परन्तु जब सच में बड़े हो जाते हैं, तो उसी बचपन की यादों को याद कर-करके खुश हो जाते हैं। बचपन में बहुत सी ऐसी बातें होती हैं जो उस समय समझ में नहीं आती क्योंकि उस समय सोच का दायरा सिमित होता है। और ऐसा भी कई बार होता है कि जो बातें बचपन में बुरी लगती है वही बातें समझ आ जाने के बाद सही साबित होती हैं।

प्रस्तुत पाठ में भी लेखक अपने बचपन की यादों का जिक्र कर रहा है कि किस तरह से वह और उसके साथी स्कूल के दिनों में मस्ती करते थे और वे अपने अध्यापकों से कितना डरते थे। बचपन में लेखक अपने अध्यापक के व्यवहार को नहीं समझ पाया था उसी का वर्णन लेखक ने इस पाठ में किया है।

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