सपनों की उड़ान पाठ का संदेश स्पष्ट कीजिए
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sapno ki udan path ka sandesh
सपनों की उड़ान पाठ का संदेश...
‘सपनों की उड़ान’ निबंध के माध्यम से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने विद्यार्थियों और युवाओं के का आह्वान किया है और उनके लिए एक 10 सूत्रीय कार्यक्रम तय किया, जिसमें वह विद्यार्थियों और युवाओं का आह्वान करते हुए उन्हें अपने जीवन में कठिन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।
डॉ. कलाम कहते हैं कि लक्ष्य हमेशा बड़े-बड़े रखो, छोटा लक्ष्य रखना एक अपराध के समान है, क्योंकि बड़ा लक्ष्य रखने से कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर होना पड़ता है और कड़ी मेहनत करने से ही लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
डॉ. कलाम कहते हैं कि अपने जीवन का महान लक्ष्य लक्ष्य रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए और निरंतर ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए तथा सत्य निष्ठा से काम करना चाहिए। हमें अपने परिवार और समाज का भी अच्छा सदस्य बनना चाहिए। अपने राज्य, देश और विश्व का भी अच्छा नागरिक बनें, एक अच्छे नागरिक के सारे कर्तव्य निभाएं।
डॉ. कलाम युवाओं का आह्वान करते हुए कहते हैं कि हमें जाति, धर्म, भाषा, पंथ, राज्य आदि के आधार पर किसी में भेदभाव नहीं करना चाहिए और ना ही कोई गलत व्यसन अपनाना चाहिए। अपने जीवन में कम से कम पांच लोगों की व्यसन की आदत को छुड़वाने का प्रयत्न करना चाहिये।
हमें हमेशा समय का महत्व भी जानना चाहिए, क्योंकि समय सबसे अधिक कीमती है और समय का सदुपयोग करना चाहिए। अपने जीवन में कम से कम 5 पौधे लगाएं और उनकी देखभाल कर उन्हें पोषित भी करें। इससे हमारे आसपास की हरियाली बढ़ेगी। हमें अपने आसपास के सारे क्षेत्र को साफ करके भी रखना चाहिए और अपने अपने क्षेत्र की नदियों, जलायश, झील आदि की देखभाल करनी चाहिये पुनर्जीवित करने का प्रयास करना चाहिए।
डॉ. कलाम अंत में यह कहते हैं कि मैं हर चीज नहीं बदल सकता, लेकिन मैं बहुत कुछ बदल सकता हूँ। इसलिए हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए और लड़ना नहीं छोड़ना चाहिए। वे युवाओं का आह्वान करते हुये कहते हैं कि तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपने लक्ष्य प्राप्त न कर लो।