सपना क्या है? नयन-सेज पर
सोया
हुआ
आँख का पानी,
है उसका ज्यों
भावार्थ
और टूटना
जागे कच्ची नींद जवानी।.
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दी गई पंक्तियों का भावार्थ निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है।
- संदर्भ : दी गई पंक्तियां " जीवन मरा नहीं करता " कविता से ली गई है । इस कविता के रचयिता है गोपालदास " नीरज "।
- प्रसंग : इस कविता में कवि कहते है कि कुछ सपनों के टूट जाने से जीवन खत्म नहीं हो जाता , हमें धैर्य से काम लेना चाहिए।
- व्याख्या : इन पंक्तियों में कवि कहते है कि सपना क्या है, सपना आंखों में रुका हुआ पानी है, जो बह जाता है। नींद खुलने पर सपना टूट जाता है। कवि कहते है कि कुछ सपनों के टूटने से जीवन समाप्त नहीं हुआ करता । उसी प्रकार विपत्ति आने पर हमें घबराना नहीं चाहिए। हमें साहस से काम लेना चाहिए। वे कहते है कि हमारे जीवन में लोग आते है फिर हमें छोड़कर चले जाते है लेकिन उनके जाने से जीवन रुक तो नहीं जाता।
#SPJ1
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