Hindi, asked by jaffer269, 1 year ago

sapha hindi main chapter 12

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Answered by KB3
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Hi,

12. ध्वनि

 

पराध्वनि के अनुप्रयोग

 

पराध्वनि के अनुप्रयोग (Aplication of Ultrasound ) :

1. पराध्वनि प्रायः उन भागों को साफ करने में की जाती है जहाँ तक पहुँचना कठिन है। जैसे - सर्पिलाकार नली, इलेक्ट्रानिक पुर्जे इत्यादि।
2. पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लाकों में दरारों का पता लगाने के लिए किया जाता हैं।
3. चिकित्सा क्षेत्र में पराध्वनि (अल्ट्रासाऊण्ड) का प्रयोग बिमारियो का पता लगाने के लिए किया जाता है।


4. पराध्वनि के उपयोग से सोनार नामक युक्ति से जहाजों में समुद्र की गहराई मापने के लिए किया जाता है | 

1. सर्पिलाकार नालियों की सफाई में पराध्वनि का उपयोग:

जिन वस्तुओं को साफ करना होता है उन्हें साफ करने वाले मार्जन विलयन में रखते हैं और इस विलयन में पराध्वनि तरंगें भेजी जाती हैं। उच्च आवृत्ति के कारण, धुल, चिकनाई तथा गंदगी के कण अलग होकर नीचे गिर जाते हैं। इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती है।

2. ब्लॉकों की दरारों का पता लगाने के लिए में पराध्वनि का उपयोग:

धत्विक घटकों को प्रायः बड़े-बड़े भवनों, पुलों, मशीनों तथा वैज्ञानिक उपकरणों को बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। धातु के ब्लॉकों में विद्यमान दरार या छिद्र जो बाहर से दिखाई नहीं देते, भवन या पुल की संरचना की मशबूती को कम कर देते हैं। पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता है। यदि थोड़ा-सा भी दोष होता है, तो पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती हैं जो दोष की उपस्थिति को दर्शाती है

3. चिकित्सा क्षेत्र में पराध्वनि का उपयोग :  

i) इकोकार्डियोग्राफी (ECG) : पराध्वनि तरंगों को हृदय के विभिन्न भागों से परावर्तित करा कर हृदय का प्रतिबिंब बनाया जाता है। इस तकनीक को "इकोकार्डियोग्राफी" (ECG) कहा जाता है।

(ii) अल्ट्रासोनोग्राफी (Ultrasonography): 

अल्ट्रासोनोग्राफी एक तकनीक है जिसमें पराध्वनि तरंगे शरीर के उतकों में गमन करती हैं तथा उस स्थान से परावर्तित हो जाती हैं । इसके पश्चात् इन तरंगों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित किया जाता है।जिससे उस अंग का प्रतिबिम्ब बना लिया जाता है तथा इन प्रतिबिम्बों को मॉनिटर पर या फिल्म पर मुद्रित कर लिया जाता हैं। यह तकनीक अल्ट्रासोनोग्राफी कहलाती है।

अल्ट्रासोनोग्राफी का उपयोग : 

इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में निम्नलिखित बिमारियो के निदान के लिए किया जाता है।
1. शरीर में उत्पन्न असमान्यताओं का पता लगाने के लिए। जैसे - ट्युमर, पित पथरी, गुर्दे का पथरी, इत्यादि।
2. गर्भाशय संबन्धी बिमारियों के लिए।
3. पेप्टिक अल्सर का पता लगाने के लिए।

(iii) गुर्दे की पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए : 

पराध्वनि का उपयोग गुर्दे की छोटी पथरी को बारीक कणों में तोड़ने वेफ लिए भी किया जा सकता है। ये कण बाद में मूत्र के साथ बाहर निकल जाते हैं।

4. सोनार (SONAR) : सोनार (SONAR) शब्द का पूरा नाम Sound Navigation And Ranging  है |

सोनार एक युक्ति है। जिसमें जल में स्थित पिंडों की दूरी, दिशा, तथा चाल मापने के लिए पराध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। यह एक यंत्र है जिसमें एक प्रेषित्र तथा एक संसूचक होता है और इसे नाव या जहाज में लगाया जाता है। 

सोनार तकनीक का उपयोग: 

सोनार की तकनीक का उपयोग समुद्र की गहराई ज्ञात करने तथा जल के अंदर स्थित चट्टानो, घाटियों, पनडुब्बियों, हिमशैल, डुबे हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त  करने के लिए किया जाता है।

5. अपना शिकार पकड़ने के लिए चमगादड़ (Bats) द्वारा पराध्वनि का उपयोग : 

चमगादड़ गहन अंधकार में अपने भोजन को खोजने के लिए उड़ते समय पराध्वनि तरंगें उत्सर्जित करता है तथा परावर्तन के पश्चात् इनका संसूचन करता है। चमगादड़ द्वारा उत्पन्न उच्च तारत्व के पराध्वनि स्पंद अवरोधें या कीटों से परावर्तित होकर चमगादड़ के कानों तक पहुँचते हैं । इन परावर्तित स्पंदों की प्रकृति से चमगादड़ को पता चलता है कि अवरोध् या
कीट कहाँ पर है और यह किस प्रकार का है पता लगा लेते है और आसानी से अपने शिकार तक पहुँच जाते हैं | 


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