saprasang vyakhaya of diwano ki hasti all panktiya
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तुम कैसे आए, कहाँ चले? व्याख्या - प्रस्तुत पक्तियों में कवि भगवतीचरण वर्मा ने दीवानों के मस्तमौलापन का वर्णन किया है। दीवानों के जीवन में आनंद ही सब कुछ होता है। वे जहाँ जाते हैं ,अपने साथ आनंद और उल्लास साथ लेकर जाते हैं।
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