English, asked by mahimannvy09, 6 months ago

saptami vibakti sentences class 6 sanskrit​

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Answered by onlytanutanutanu001
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Answer:

Adhikaran Karak in Sanskrit – अधिकरण कारक

अधिकरण कारक – Adhikaran Karak in Sanskrit

अधिकरण कारक – सप्तमी विभक्तिः – Adhikaran Karak in Sanskrit  

(1) आधारोऽधिकरणम् सप्तम्यधिकरणे च – क्रिया की सिद्धि में जो आधार होता है, (कारक) उसकी अधिकरण संज्ञा होती है और अधिकरण में सप्तमी विभक्ति होती है। यथा-

नृपः सिंहासने तिष्ठति।

वयं ग्रामे निवसामः।

तिलेषु तैलं विद्यते।

 

(2) जिसमें स्नेह किया जाता है उसमें सप्तमी विभक्ति का प्रयोग होता है। यथा-

‘पिता पुत्रे स्निह्यति।

(3) संलग्नार्थक और चतुरार्थक शब्दों के योग में सप्तमी विभक्ति का प्रयोग होता है। यथा-

बलदेवः स्वकार्ये संलग्नः अस्ति।

जयदेवः संस्कृते चतुरः अस्ति।

(4) निम्नलिखित शब्दों के योग में सप्तमी विभक्ति होती है। यथा-

श्रद्धा – बालकस्य पितरि श्रद्धा अस्ति।

विश्वासः – महेशस्य स्वमित्रे विश्वासः अस्ति।

(5) यस्य च भावेन भावलक्षणम् – जब एक क्रिया के बाद दूसरी क्रिया होती है तब पूर्व क्रिया में और उसके कर्त्ता में सप्तमी विभक्ति होती है। यथा-

रामे वनं गते दशरथः प्राणान् अत्यजत्। (राम के वन जाने पर दशरथ ने प्राणों को त्याग दिया।)

सूर्ये अस्तं गते सर्वे बालकाः गृहम् आगच्छन्। (सूर्य के अस्त होने पर सभी बालक घर चले गए।)

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