सर मगलयान science technology की दृष्टि जरूरी था इसे launch करना। इसमे वैसे देखा जाए तो 450cr. का खर्चा हुआ । तो सरकार द्वारा ये 450 cr. खर्च करना जरूरी था या पहले आम लोगो की जरूरते पुरी करना?
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@Angal
तुम्हारा कहना बिल्कुल सही है।
साइंस टेक्नोलॉजी की दृष्टि जरूरी थी और मंगलयान को लांच कर रहा भी जरूरी था। इसमें वैसे देखा जाए तो 450 करोड़ का खर्चा हुआ तो सरकार द्वारा यह 450 करोड़ खर्च करना जरूरी था या पहले आम लोगों की जरूरतें पूरी करना।
आपका प्रश्न बहुत अच्छा है
साइंस टेक्नोलॉजी की दृष्टि हमारे लिए अहम तो है क्योंकि पूरे संसार की आधुनिकरण हो रही है जिसमें पूरी दुनिया आधुनिकता की ओर जा रही है ।
हमारी साइंस टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा डेवलप्ड कर चुकी है कि हम चंद्रमा और मंगल जैसे ग्रह , उपग्रहों पर पहुंच चुके हैं। और हम पूरे ब्रह्मांड में जीवन तलाशने में लगे हैं कि कहीं जीवन संभव है या नहीं या फिर कहीं जीवन मौजूद है या नहीं।
चंद्रमा जो कि हमारी पृथ्वी का एकमात्र नजदीकी उपग्रह है। यह पृथ्वी का इकलौता उपग्रह है। इसलिए पृथ्वी वासी ने शोध के लिए पहले चंद्रमा को ही चुना। क्योंकि यह हमारे सबसे नजदीक में है। चंद्रमा पर जीवन संभव है या नहीं इसके लिए बहुत सारे स्रोध हो चुके हैं। भारत के वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया कि चंद्रमा के दक्षिणी भाग में बर्फ होने का स्रोत है। वहां जीवन संभव होने का दावा है।
इसलिए भारत के वैज्ञानिकों ने chandrayaan-2 को चंद्रमा के दक्षिणी भाग पर भेजा जो कि सितंबर माह में वहां पर लैंडिंग करने वाला था कुछ तकनीकी खराबी की वजह से वह अपने लक्ष्य से भटक गया और फिर वह अच्छे तरीके से लैंडिंग नहीं कर पाया। चंद्रयान २ से संपर्क करने की कोशिशें की जा रही है। अगर यह एक सफल परिणाम होता तो हम सफल हो जाते । और हमें भविष्य में और वर्तमान में बहुत सारे चंद्रमा से रिलेटेड जानकारियां मिलती। चंद्रमा के दक्षिणी भाग पर उतरने वाला हमारा देश प्रथम है। आज तक किसी ने चंद्रमा की दक्षिण भाग पर कदम नहीं रखा था।
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 450 करोड़ रुपए खर्च किए और हमें और सफलता मिली। अगर यह सफल हो जाता तो यह 450 करोड़ यू जाया नहीं होता।
आपका कहना बिल्कुल सही है अगर सरकार इसे आम लोगों के जरूरतों के लिए खर्च कर दी तो कुछ विकास होता। किंतु हमारा प्राकृतिक संसाधन और मानव संसाधन दोनों बहुत मजबूत है जिससे हम कभी नहीं पिछड़ेंगे। जितने पैसे chandrayaan-2 के लिए खर्च हुए।
वह वह हमारी मानव संसाधन और प्राकृतिक संसाधन उसे रिकवर कर लेगी ।