Hindi, asked by rohitsingh9014, 1 month ago

सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी, आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी, तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे, फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।​

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Answered by Nitindkkw
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Explanation:

सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी, आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी, तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे, फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।

Answered by itzabhi34
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ातों में सताती है जुदाई तेरी, आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी, तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे, फिर क्यों रोती है मेरे दर

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