सर्दियों में कुककड़गुंधा के लोग पलायन क्यों कर जाते हैं? वे कहाँ चले जाते हैं?
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हाल ही में हुए एक सर्वे में पता चला है कि करीब 40 फीसदी महिलाओं को सर्दियां आते ही डिप्रेशन महसूस होने लगता है और वे दुखी रहने लगती हैं। तो आखिर विंटर सीजन और डिप्रेशन के बीच क्या संबंध है और इससे कैसे बच सकते हैं, जानें।
सर्दियों को डिप्रेशन बढ़ाने वाला मौसम भी कहा जाता है। इस मौसमी डिप्रेशन को सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर यानी SD भी कहते हैं। सर्दियों के दिन आपका मूड डल करने वाले होते हैं। अगर आपको अक्सर तनाव की समस्या रहती है तो सर्दियां आते ही आपकी ये समस्या बढ़ सकती है। इस मौसम में अवसाद, तनाव और डिप्रेशन बढ़ने के कुछ खास कारण भी हैं। क्या हैं वे कारण और इससे कैसे बच सकते हैं जानें...सर्दियों में क्यों हो जाते हैं आप दुखी
अगर आपको भी ऐसा लगता है कि सर्दियां आते ही आप दुखी हो जाती हैं तो ऐसा फील करने वाली आप अकेली नहीं हैं। बल्कि इस मौसम में 40 फीसदी महिलाओं को ऐसी समस्या होती है। यह पता चला है हाल ही में आए एक मेडिकल सर्वे से। साइकॉलजिस्ट डॉक्टर अजय तनेजा कहते हैं कि जीवन में सब कुछ ठीक-ठाक है, इसके बावजूद भी आप दुखी हैं तो आप सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर यानी SD की गिरफ्त में हैं। सीनियर कंसल्टेंट और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पवन कुमार कहते हैं कि सर्दियों के मौसम में कुछ लोग उदासीन हो जाते हैं और यह होता है धूप की रोशनी प्रॉपर न मिल पाने की वजह से। इसे रोजाना एक्सर्साइज और सूरज की रोशनी में बैठने से कंट्रोल किया जा सकता है।