सर्वनाम के भेदों का उदाहरण सहित परिचय दीजिए ।
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आइये एक उदाहरण के द्वारा सर्वनाम को विस्तार से समझते हैं। नीचे लिखे वाक्यों को ध्यानपूर्वक देखे – :
पेड़-पौधे प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया के दरम्यान ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।
पेड़-पौधे पर्यावरण को संतुलित बनाये रखते हैं।
पेड़-पौधे विभिन्न जीवों को आश्रय प्रदान करते हैं।
पेड़-पौधे भू-क्षरण को रोकते हैं।
पेड़-पोधो से हमें फल-फूल, दवाएँ, इमारती लकड़ी आदि मिलते हैं।
अब इन वाक्यों पर गौर करें -:
पेड़-पौधे प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया के दरम्यान ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।
वे पर्यावरण को संतुलित बनाये रखते हैं।
वे विभिन्न जीवों को आश्रय प्रदान करते हैं।
वे भू-क्षरण को रोकते हैं।
उनसे हमें फल-फूल, दवाएँ, इमारती लकड़ी आदि मिलते हैं।
आपने क्या देखा? प्रथम पांच वाक्यों में संज्ञा ‘पेड़-पौधे’ दुहराए जाने पर वाक्य भद्दे हो गए, जबकि नीचे के पांच वाक्य सुन्दर हैं। आपने यह भी देखा होगा की ‘वे’ और ‘उनसे’ पद पेड़-पौधे की और संकेत करते हैं। अतः उक्त वाक्यों में ‘वे’ और ‘उनसे’ सर्वनाम हैं।
मूलतः सर्वनामों की संख्या ग्यारह है –
मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, कोई और कुछ आदि।
सर्वनाम के भेद:
सर्वनाम के पांच भेद होते हैं –
पुरुषवाचक सर्वनाम
निजवाचक सर्वनाम
निश्चयवाचक सर्वनाम
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
प्रश्नवाचक सर्वनाम
सम्बन्धवाचक सर्वनाम