सर्वनाम के भे दो का उदाहरण सहित वर्णन करे
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जो शब्द संज्ञा के नामों की जगह प्रयुक्त होते हैं उसे सर्वनाम कहते हैं। अथार्त संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं
सर्वनाम के उदाहरण :
(1) सीता ने गीता से कहा , मैं तुम्हे पुस्तक दूंगी।
(2) सीता ने गीता से कहा , मैं बाजार जाती हूँ।
(3) सोहन एक अच्छा विद्यार्थी है वह रोज स्कूल जाता है।
(4) राम , मोहन के साथ उसके घर गया।
यहाँ पर मैं , वह और उसके संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम प्रयुक्त हुए हैं।
सर्वनाम के भेद :-
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निजवाचक सर्वनाम
3. निश्चयवाचक सर्वनाम
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
5. संबंधवाचक सर्वनाम
6. प्रश्नवाचक सर्वनाम
1. पुरुषवाचक सर्वनाम क्या होता हैं :- जिन शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसका प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा की जगह पर किया जाता है। इसका प्रयोग स्त्री और पुरुष दोनों के लिए किया जाता है। जिस सर्वनाम का प्रयोग सुननेवाले यानि श्रोता , कहने वाले यानि वक्ता और किसी और व्यक्ति के लिए होता है उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- मैं , तू , वह , हम , वे , आप , उसे , उन्हें , ये , यह आदि।
2. निजवाचक सर्वनाम क्या होता है :- निज शब्द का अर्थ होता है अपना और वाचक का अर्थ होता है बोध। अपनेपन का बोध करने वाले शब्दों को निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन सर्वनामों का प्रयोग कर्ता के साथ अपने पन का बोध करने के लिए किया जाता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जहाँ पर वक्ता अपने या अपने आप शब्द का प्रयोग करता है वहाँ पर निजवाचक सर्वनाम होता है।
जैसे :- हमें , तुम , अपने , आप , अपने आप , निजी , खुद , स्वंय आदि।
3. निश्चयवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह , वह , वे , ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।
जैसे :- वह मेरा गॉंव है। यह मेरी पुस्तक है। ये सेब हैं। ये पुस्तक रानी की है।
इसमें वह , यह , ये आदि शब्द निश्चित वस्तु की और संकेत कर रहे हैं।
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु आदि का निश्चयपूर्वक बोध न हो वहाँ पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- कोई , कुछ , किसी , कौन , किसने , किन्ही को , किन्ही ने , जौन , तौन , जहाँ , वहाँ आदि।
5. संबंध वाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से परस्पर संबंध का पता चले उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जिन शब्दों से दो पदों के बीच के संबंध का पता चले उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु का अहसास तो होता है लेकिन उसका निश्चित रूप पता नहीं चलता उसे अनिश्चय वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- जैसी ,वैसी , जैसा , जो , जिसकी , सो , जिसने , तैसी , जहाँ , वहाँ , जिसकी , उसकी , जितना , उतना आदि।
6. प्रश्नवाचक सर्वनाम :- जिन सर्वनाम शब्दों को प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन शब्दों से प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- क्या , कौन , किसने , कैसे , किसका , किसको , किसलिए , कहाँ आदि।
सर्वनाम के उदाहरण :
(1) सीता ने गीता से कहा , मैं तुम्हे पुस्तक दूंगी।
(2) सीता ने गीता से कहा , मैं बाजार जाती हूँ।
(3) सोहन एक अच्छा विद्यार्थी है वह रोज स्कूल जाता है।
(4) राम , मोहन के साथ उसके घर गया।
यहाँ पर मैं , वह और उसके संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम प्रयुक्त हुए हैं।
सर्वनाम के भेद :-
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निजवाचक सर्वनाम
3. निश्चयवाचक सर्वनाम
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
5. संबंधवाचक सर्वनाम
6. प्रश्नवाचक सर्वनाम
1. पुरुषवाचक सर्वनाम क्या होता हैं :- जिन शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसका प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा की जगह पर किया जाता है। इसका प्रयोग स्त्री और पुरुष दोनों के लिए किया जाता है। जिस सर्वनाम का प्रयोग सुननेवाले यानि श्रोता , कहने वाले यानि वक्ता और किसी और व्यक्ति के लिए होता है उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- मैं , तू , वह , हम , वे , आप , उसे , उन्हें , ये , यह आदि।
2. निजवाचक सर्वनाम क्या होता है :- निज शब्द का अर्थ होता है अपना और वाचक का अर्थ होता है बोध। अपनेपन का बोध करने वाले शब्दों को निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन सर्वनामों का प्रयोग कर्ता के साथ अपने पन का बोध करने के लिए किया जाता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जहाँ पर वक्ता अपने या अपने आप शब्द का प्रयोग करता है वहाँ पर निजवाचक सर्वनाम होता है।
जैसे :- हमें , तुम , अपने , आप , अपने आप , निजी , खुद , स्वंय आदि।
3. निश्चयवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह , वह , वे , ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।
जैसे :- वह मेरा गॉंव है। यह मेरी पुस्तक है। ये सेब हैं। ये पुस्तक रानी की है।
इसमें वह , यह , ये आदि शब्द निश्चित वस्तु की और संकेत कर रहे हैं।
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु आदि का निश्चयपूर्वक बोध न हो वहाँ पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- कोई , कुछ , किसी , कौन , किसने , किन्ही को , किन्ही ने , जौन , तौन , जहाँ , वहाँ आदि।
5. संबंध वाचक सर्वनाम :- जिन शब्दों से परस्पर संबंध का पता चले उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जिन शब्दों से दो पदों के बीच के संबंध का पता चले उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु का अहसास तो होता है लेकिन उसका निश्चित रूप पता नहीं चलता उसे अनिश्चय वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- जैसी ,वैसी , जैसा , जो , जिसकी , सो , जिसने , तैसी , जहाँ , वहाँ , जिसकी , उसकी , जितना , उतना आदि।
6. प्रश्नवाचक सर्वनाम :- जिन सर्वनाम शब्दों को प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिन शब्दों से प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- क्या , कौन , किसने , कैसे , किसका , किसको , किसलिए , कहाँ आदि।
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मी के अंदर सुविचार संगीतला
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