सर्वनाम का पद परिचय देते समय कौन-कौन से बिंदु उल्लेखनीय होते हैं?
Answers
सर्वनाम का पद परिचय देते समय निम्नलिखित बातों का उल्लेख किया जाता है। (i) भेद पुरुषवाचक, (उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष, अन्य पुरुष) निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक और निजवाचक। (ii) लिग पुल्लिग, स्वीलिंग। (iii) वचन - एकवचन, बहुवचन।ghj
पद-परिचय की परिभाषा – Pad Parichay Definition
जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय, पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है।
व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है – वाक्य में उस पद की स्थिति बताना, उसका लिंग, वचन, कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
जैसे –
राजेश ने रमेश को पुस्तक दी।
राजेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘ने’के साथ कर्ता कारक, द्विकर्मक क्रिया ‘दी’के साथ।
रमेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
पुस्तक = संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक।