Hindi, asked by manojsine3385, 10 months ago

सर्वनाम की विशेषताएँ क्या हैं?​

Answers

Answered by bhumi1988
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Answer:

sarvanaam ke prayog se vaakya spasht ev ardhpurn hai.

udarahad.

neha ne apni maa ko btaya ki vah unke liye saari laayi h.

vaakya ke sarvanaam.

apni

vah unke.....

HOPE ITS HELP U..

Answered by athakyadav69
0

Explanation:

सर्वनाम-

संज्ञा के बदले जिस पद का प्रयोग होता है उसे सर्वनाम कहते हैं। यथा----

मैं, हम, तुम, तू, वह, यह आदि सर्वनाम है।

अनुक्रम

परिभाषा

पुरूषवाचक सर्वनाम-

निजवाचक सर्वनाम-

निश्चयवाचक (संकेतवाचक) सर्वनाम-

संबंधवाचक सर्वनाम-

प्रश्नवाचक सर्वनाम

अन्या भाषाओं में सर्वनाम

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

परिभाषा

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कामताप्रसाद गुरू के मतानुसार- सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते हैं जो पूर्वापर संबंध से किसी भी संज्ञा के बदले में आता है, जैसे, मैं (बोलनेवाला), तू (सुननेवाला), यह (निकट-वर्ती वस्तु), वह (दूरवर्ती वस्तु) इत्यादि। वाक्य में जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द का अर्थ है- सब का नाम। संज्ञा जहाँ केवल उसी नाम का बोध कराती है, जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम से केवल एक के ही नाम का नहीं, सबके नाम का बोघ होता है। जैसे – राधा कहने से केवल इस नामवाली लड़की का बोध होगा किन्तु सीता, गीता, राम, श्याम सभी अपने लिए मैं का प्रयोग करते हैं तो मैं इन सबका नाम होगा। इसी तरह बोलनेवाले अनेक नामों के बदले तुम या आप और सुननेवाले अनेक नामों के बदले वह या वे का प्रयोग होता है।

हिंदी के मूल सर्वनाम 11 हैं, जैसे- मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ। प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के छः प्रकार हैं-

पुरूषवाचक - मैं, तू, वह, हम, मैंने

निजवाचक - आप

निश्चयवाचक - 'यह, वह

अनिश्चयवाचक - कोई, कुछ

संबंधवाचक - जो, सो

प्रश्नवाचक - कौन, क्या

पुरूषवाचक सर्वनाम-

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जो सर्वनाम वक्ता (बोलनेवाले), श्रोता (सुननेवाले) तथा किसी अन्य व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है, उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तू, वह आदि। पुरूषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं-

अ. उत्तम पुरूष- वक्ता या लेखक अपने लिए उत्तम पुरूष का प्रयोग करते हैं। जैसे- मैं लिखता हूँ। हम लिखते हैं। इन वाक्यों में मैं और हम शब्द उत्तम पुरूष सर्वनाम हैं।

आ. मध्यम पुरूष- श्रोता के लिए मध्यम पुरूष का प्रयोग होता है। जैसे- तुम जाओ। आप जाइये। इन वाक्यों में तुम और आप शब्द मध्यम पुरूष हैं।

इ. अन्य पुरूष- वक्ता या लेखक द्वारा श्रोता के अतिरिक्त किसी अन्य (तीसरे) के लिए अन्य पुरूष का प्रयोग होता है। जैसे- वह पढ़ता है। 2 वे पढ़ते हैं। इन वाक्यों में वह और वे शब्द अन्य पुरूष हैं।

ट्रिक --- मै फर्स्ट तू सेकेंड बाकी सब थर्ड

निजवाचक सर्वनाम-

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जो सर्वनाम तीनों पुरूषों (उत्तम, मध्यम और अन्य) में निजत्व का बोध कराता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं खुद लिख लूँगा। तुम अपने आप चले जाना। वह स्वयं गाडी चला सकती है। उपर्युक्त वाक्यों में खुद, अपने आप और स्वयं शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं।

आश्रय मिश्रा द्वारा

निश्चयवाचक (संकेतवाचक) सर्वनाम-

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जो सर्वनाम निकट या दूर की किसी वस्तु की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- यह लड़की है। वह पुस्तक है। ये हिरन हैं। वे बाहर गए हैं। इन वाक्यों में यह, वह, ये और वे शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम हैं।

हेमंत मेरा भाई है वह मुम्बई में रहता है.(पुरूष वाचक सर्वनाम )

यह मेरी क़िताब है वह तुम्म्हारी है. (निश्चय )

उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-

बाहर कोई है। मुझे कुछ नहीं मिला। इन वाक्यों में कोई और कुछ शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं। कोई शब्द का प्रयोग किसी अनिश्चित व्यक्ति के लिए और कुछ शब्द का प्रयोग किसी अनिश्चित पदार्थ के लिए प्रयुक्त होता है।

संबंधवाचक सर्वनाम-

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जो सर्वनाम किसी दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से संबंध दिखाने के लिए प्रयुक्त हो, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे जो,वो,सो आदि उदाहरण:- "जो करेगा सो भरेगा।"

इस वाक्य में जो शब्द संबंधवाचक सर्वनाम है और सो शब्द नित्य संबंधी सर्वनाम है। अधिकतर सो लिए वह सर्वनाम का प्रयोग होता है।

प्रश्नवाचक सर्वनाम

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जिस सर्वनाम से किसी प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- तुम कौन हो ? तुम्हें क्या चाहिए ? इन वाक्यों में कौन और क्या शब्द प्रश्रवाचक सर्वनाम हैं। कौन शब्द का प्रयोग प्राणियों के लिए और क्या का प्रयोग जड़ पदार्थों के लिए होता है।

अन्या भाषाओं में सर्वनाम

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सर्वनाम सभी भाषा में नहीं होते। यथा, जापानी भाषा में एक सौ से अधिक शब्द हैं जिसके आम तौर के उपयोग सर्वनाम जैसे हैं लेकिन ये शब्द सर्वनाम नहीं क्यूँकि प्रत्येक शब्द के दूसरे अर्थ है। जैसा, 'मैं' के लिए जापानी बोलने वाले लोग 'वाताशी' (私) बोल सकते हैं, मगर इसके अर्थ व्यक्तिगत ही है। हिंदी में 'मैं' शब्द के कोई और अर्थ नहीं।

सर्वनाम उपयोग करता हुआ भाषाओं में भी कोई फ़र्क़ भी हो सकता है। हिंदी भाषा तीन शब्द इस्तेमाल करते है- "आप", "तुम", "तू"- जबकि अंग्रेज़ी में एक है- "यू" । इसके अलावा, हिंदी अपने निश्चयवाचक सर्वनाम फ़ासला, इज़्ज़त, और राशि से अलग करते है- "यह, वह, ये, वे"- किंतु अंग्रेज़ी में ये सर्वनाम लिंग और राशि से अलग किये जाते हैं- "ही, शी, धे ।

इन्हें भी देखें

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हिन्दी

बाहरी कड़ियाँ

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आश्रय मिश्रा द्वारा

सर्वनाम सम्पूर्ण विवरण

संज्ञा और उसके भेद

विशेषण

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