सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है. वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमान, हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है. यह नारा किसका था ?
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Explanation:
अक्सर लोग इसे राम प्रसाद बिस्मिल जी की रचना बताते हैं लेकिन वास्तव में ये अज़ीमाबाद (अब पटना) के मशहूर शायर बिस्मिल अज़ीमाबादी की हैं और रामप्रसाद बिस्मिल ने उनका शे'र फांसी के फंदे पर झूलने के समय कहा था। चूँकि अधिकाँश लोग इसे राम प्रसाद बिस्मिल की रचना मानते है इसलिए इस रचना को बिस्मिल के पन्ने पर भी रखा गया है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है
एक से करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है
ऐ शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचा गैर की महफ़िल में है
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमान,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है
खैंच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद,
आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है
Answer:
Sarfaroshi Ki Tamanna is a famous patriotic ghazal written by the Indian revolutionary Bismil Azimabadi [1] in which he expressed the spirit of self- sacrifice . [2] This wish of his had become the mantra of revolutionaries [3] This ghazal is written in Urdu Chhand Dehre-Ramal which has Arqan (Chhanda-sutra): "Fileatun, Fileatun, Fileatun, Fileun". [4] Hindi if it Devanagari then be written in the script changed Ashtpdiy Geetika comes under the verse is the key to this verse: "Rajba singing, Rajba singing, Rajba singing, Rajba" [5] .
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