Social Sciences, asked by faisalrza7897, 2 months ago

सरकार के मध्य kin स्तरों पर सत्ता का विभाजन हो सकता

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Answered by itzshreya12
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भारत जैसे विशाल देश में सरकार चलाने के लिए यह जरूरी हो जाता है कि सत्ता का विकेंद्रीकरण हो। भारत सरकार को दो मुख्य स्तरों में बाँटा गया है; केंद्र सरकार और राज्य सरकार। केंद्र सरकार पर पूरे राष्ट्र की जिम्मेदारी होती है। गणराज्य की विभिन्न इकाइयों की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर होती है। दोनों सरकारों के अधिकार क्षेत्र में अलग अलग विषय आते हैं। कुछ ऐसे विषय भी होते हैं जो साझा लिस्ट में रहते हैं और जिनपर राज्य और केंद्र सरकारों दोनों का अधिकार होता है।

सामाजिक समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा:

भारत विविधताओं से भरा देश है। यहाँ अनेक सामाजिक, भाषाई और जातीय समूह हैं। इन विभिन्न समूहों के बीच भी सत्ता का बँटवारा होता है। समाज के पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिया जाता है ताकि सरकारी तंत्र में उनका सही प्रतिनिधित्व हो सके। उदाहरण के लिए; अल्पसंख्यक समुदाय, अन्य पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति और अनुसूचिक जनजाति के लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्राप्त है।

विभिन्न प्रकार के दबाव समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा:

सत्ता का बँटवारा विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के बीच होता है। सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी या सबसे बड़े राजनैतिक गठबंधन को शासन करने का मौका मिलता है। बची हुई पार्टियाँ विपक्ष का निर्माण करती हैं। विपक्ष का काम होता है यह सुनिश्चित करना कि सत्तारूढ़ पार्टी लोगों की इच्छा के अनुसार काम करे। विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के लोग विभिन्न कमेटियों के अध्यक्ष बनते हैं। यह राजनैतिक पार्टियो6 के बीच सत्ता की साझेदारी का एक अच्छा उदाहरण है।

राजनैतिक पार्टियों के अलावा देश में कई दबाव समूह होते हैं। उदाहरण के लिए; एसोचैम, छात्र संगठन, मजदूर यूनियन, आदि। ऐसे संगठनों के प्रतिनिधि कई नीति निर्धारक अंगों के भाग बनते हैं। इस तरह से दबाव समूहों को भी सत्ता में साझेदारी मिलती है।

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