Hindi, asked by angel1298, 1 year ago

सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली में संवेदनहीनता को दर्शाते हुए व्यंग्यात्मक लेख लिखिए।




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Answered by shishir303
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सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली में संवेदनहीनता तो जगजाहिर है। अक्सर ऐसा होता है कि सरकारी द्वारा चलायी गयी कल्याणकारी योजनाओं को अधिकारी लोग आम जनता तक प्रभावकारी तरीके से नही पहुंचाते हैं। अधिकारी बस कागजी खानापूरी कर किसी योजना के लिये आवंटिन धन स्वयं खा जाते हैं और आम जनता अपने अधिकार से वंचित रह जाती है। सरकारी तंत्र की ये संवेदनहीनता नौकरशाहों और बाबुओं के भ्रष्ट आचरण और मानसिकता से जुड़ी हुई जिसमें उन्हे आम जन के हितों से कोई सरोकार नही है।

अभी कुछ दिनों पूर्व एक पहाड़ी राज्य मे आई भयंकर आपदा से जन-धन की तबाही हुई। सरकार द्वारा पीड़ित लोगों को उचित राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई पर सरकारी तंत्र ने अपनी संवेदनाहीनता का परिचय देते हुये इसमें घोटाला कर दिया। बड़े बिल बनाकर भुगतान तो कर दिया गया पर राहत सामग्री का कोई पता नही।

बाद में एक जब इस मामले का खुलासा हुआ तो सरकारी तंत्र ने बेशर्मी से अपने हाथ खड़े कर दिये और अपने विभाग के कुछ छोटे कर्मचारियों की भूल बताते हुये इसका ठीकरा उनके सिर पर फोड़ने की कोशिश की गयी।

सरकारी तंत्र में ऐसी संवेदनहीनतायें अक्सर देखने के मिलती हैं। भ्रष्टाचार को प्रश्रय तो बड़े अधिकारी देते हैं पर जब मामले की पोल खुलती है तो बड़े अधिकारी छोटे कर्मचारियों की गलती बताकर और एक औपचारिक जांच कमेटी बिठाकर साफ बच निकलते हैं।

प्रश्न ये है जब टाप लेवल का अधिकारी ईमानदार होगा तो नीचे के अधिकारियों और कर्मचारियों की ये हिम्मत नही होगी कि वो भ्रष्टाचार कर सकें।

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