Hindi, asked by sawalgranshu, 3 months ago

सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता और देवासी दिखाई देती है वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है स्पष्ट कीजिए​

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Answered by basantlal310
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Answer:

सरकारी तंत्र में जोड़ पंचम की नाक को लेकर जो चिंता या बदहवास ही दिखाई देती है वह दो तरह की मानसिकता को दर्शाती है आधुनिक भारत में भी हम इस बात पर सबसे अधिक खुश होते हैं जब इंग्लैंड या अमेरिका हमारी पीठ ठोकता है ।हमें लगता है कि हमें हर समय किसी पश्चिम देश के सर्टिफिकेट की जरूरत है ।इस मुद्दे का दूसरा पहलू है कि सरकारी तंत्र में लोग तिल का ताड़ बनाने में माहिर होते हैं ।

Answered by Braɪnlyємρєяσя
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 \implies सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता और बदहवासी दिखाई देती है, उससे उनकी गुलाम मानसिकता का बोध होता है। इससे पता चलता है कि वे आज़ाद होकर भी अंग्रेजों के गुलाम हैं। उन्हें अपने उस अतिथि की नाक बहुत मूल्यवान प्रतीत होती है जिसने भारत को गुलाम बनाया और अपमानित किया। वे नहीं चाहते कि वे जॉर्ज पंचम जैसे लोगों के कारनामों को उजागर करके अपनी नाराजगी प्रकट करें। वे उन्हें अब भी सम्मान देकर अपनी गुलामी पर मोहर लगाए रखना चाहते हैं।

इस पाठ में ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा पर भी प्रश्नचिह्न लगाया गया है। लेखक कहना चाहता है कि अतिथि का सम्मान करना ठीक है, किंतु वह अपने सम्मान की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

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