Hindi, asked by Army12345678910, 1 month ago

सरल अर्थ लिखिए |
१) जुबां पर जो जायका आता था जो सफा पलटने का अब उँगली 'क्लिक' करने से बस झपकी गुजरती है। बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है परदे पर, किताबों से जो जाती राब्ता था, कट गया है

If You Don't Know The Ans Pls Don't Spam For Points And Spamming Ans Will Be Reported Pls Give The Ans In Hindi​

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Answered by bhanuvasavad
10

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Answered by shishir303
8

जुबां पर जो जायका आता था जो सफा पलटने का,

अब उँगली 'क्लिक' करने से बस झपकी गुजरती है।

बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है,

परदे पर, किताबों से जो जाती राब्ता था, कट गया है

सरलार्थ ➲ इन पंक्तियों में कवि किताब के प्रश्न पलटने और कंप्यूटर की स्क्रीन के पृष्ठ यानि वेबपेज पलटने के अंतर के बारे में बता रहे हैं। कवि कहते हैं कि किताब के प्रश्न पलटने में जो सुख और सुकून मिलता था, उसमें एक अलग आनंद आता था, जबकि कंप्यूटर पृष्ठ पलटने के लिए केवल एक उंगली द्वारा क्लिक करना होता है और एक साथ पल भर में ढेरों पृष्ठ पलटते जाते हैं, बहुत कुछ एक साथ खुलता चला जाता है जबकि किताबों के पृष्ठ को बारी-बारी से पलटना पड़ता था। इसी कारण से लोगों का किताबों से बना हुआ संपर्क अब टूटता जा रहा है।

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