Science, asked by geetakumarirk1998, 7 months ago

सरल लोलक की गतिसरल लोलक की गति का वर्गीकरण क्या है ​

Answers

Answered by Anonymous
1

Answer:

\huge\bold\red{ANSWER :-}

>>> किसी खूंटी से लटके ऐसे भार को लोलक (अंग्रेज़ी: pendulum) कहते हैं जो स्वतंत्रतापूर्वक आगे-पीछे झूल सकता हो। झूला इसका एक व्यावहारिक उदाहरण है।

  • ===>> दोलन करता हुआ लोलक किसी एक बिन्दु जितने समय बाद पुनः वापस आ जाता है उसे उसका 'आवर्तकाल' कहते हैं। यदि लोलक का आयाम कम हो तो इसका आवर्तकाल आयाम पर निर्भर नहीं करता बल्कि केवल लोलक की लम्बाई और गुरुत्वजनित त्वरण के स्थानीय मान पर निर्भर होता है। लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर भी निर्भर नहीं करता।

{\displaystyle T\approx 2\pi {\sqrt {\frac {L}{g}}}\qquad \qquad \qquad \theta _{0}\ll 1\qquad (1)\,}{\displaystyle T\approx 2\pi {\sqrt {\frac {L}{g}}}\qquad \qquad \qquad \theta _{0}\ll 1\qquad (1)\,}

जहाँ L लोलक की लम्बाई है, तथा g उस स्थान पर गुरुत्वजनित त्वरण का मान है।

  • ===>>> इस सूत्र से साफ है कि यदि आयाम (या स्विंग) कम हो तो आवर्तकाल अलग-अलग आयामों के लिये समान होगा। लोलक के इस गुण को 'समकालिकता' (isochronism) कहते हैं। अपने इसी गुण के कारण लोलक का उपयोग समयमापन (timekeeping) में खूब हुआ।

  • ===>> किन्तु यदि आयाम बड़ा है तो आवर्तकाल नियत नहीं रहता बल्कि आयाम बढ़ने पर क्रमशः बढ़ता है। उदाहरण के लिये यदि आयाम θ0 = 23° हो तो आवर्तकाल का मान समीकरण (1) से प्राप्त मान से लगभग १% अधिक होगा।

  • लोलक के किसी भी आयाम (छोटे या बड़े) के लिये आवर्तकाल का मान निम्नलिखित अनन्त श्रेणी द्वारा दी जाती है-

{\displaystyle {\begin{alignedat}{2}T&=2\pi {\sqrt {L \over g}}\left(1+{\frac {1}{16}}\theta _{0}^{2}+{\frac {11}{3072}}\theta _{0}^{4}+{\frac {173}{737280}}\theta _{0}^{6}+{\frac {22931}{1321205760}}\theta _{0}^{8}+\cdots \right)\end{alignedat}}}{\displaystyle {\begin{alignedat}{2}T&=2\pi {\sqrt {L \over g}}\left(1+{\frac {1}{16}}\theta _{0}^{2}+{\frac {11}{3072}}\theta _{0}^{4}+{\frac {173}{737280}}\theta _{0}^{6}+{\frac {22931}{1321205760}}\theta _{0}^{8}+\cdots \right)\end{alignedat}}}

Answered by Anonymous
8

Answer:

> किसी खूंटी से लटके ऐसे भार को लोलक (अंग्रेज़ी: pendulum) कहते हैं जो स्वतंत्रतापूर्वक आगे-पीछे झूल सकता हो। झूला इसका एक व्यावहारिक उदाहरण है।

===>> दोलन करता हुआ लोलक किसी एक बिन्दु जितने समय बाद पुनः वापस आ जाता है उसे उसका 'आवर्तकाल' कहते हैं। यदि लोलक का आयाम कम हो तो इसका आवर्तकाल आयाम पर निर्भर नहीं करता बल्कि केवल लोलक की लम्बाई और गुरुत्वजनित त्वरण के स्थानीय मान पर निर्भर होता है। लोलक का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर भी निर्भर नहीं करता।

{\displaystyle T\approx 2\pi {\sqrt {\frac {L}{g}}}\qquad \qquad \qquad \theta _{0}\ll 1\qquad (1)\,}{\displaystyle T\approx 2\pi {\sqrt {\frac {L}{g}}}\qquad \qquad \qquad \theta _{0}\ll 1\qquad (1)\,}

जहाँ L लोलक की लम्बाई है, तथा g उस स्थान पर गुरुत्वजनित त्वरण का मान है।

===>>> इस सूत्र से साफ है कि यदि आयाम (या स्विंग) कम हो तो आवर्तकाल अलग-अलग आयामों के लिये समान होगा। लोलक के इस गुण को 'समकालिकता' (isochronism) कहते हैं। अपने इसी गुण के कारण लोलक का उपयोग समयमापन (timekeeping) में खूब हुआ।

===>> किन्तु यदि आयाम बड़ा है तो आवर्तकाल नियत नहीं रहता बल्कि आयाम बढ़ने पर क्रमशः बढ़ता है। उदाहरण के लिये यदि आयाम θ0 = 23° हो तो आवर्तकाल का मान समीकरण (1) से प्राप्त मान से लगभग १% अधिक होगा।

लोलक के किसी भी आयाम (छोटे या बड़े) के लिये आवर्तकाल का मान निम्नलिखित अनन्त श्रेणी द्वारा दी जाती है-

{\displaystyle {\begin{alignedat}{2}T&=2\pi {\sqrt {L \over g}}\left(1+{\frac {1}{16}}\theta _{0}^{2}+{\frac {11}{3072}}\theta _{0}^{4}+{\frac {173}{737280}}\theta _{0}^{6}+{\frac {22931}{1321205760}}\theta _{0}^{8}+\cdots \right)\end{alignedat}}}{\displaystyle {\begin{alignedat}{2}T&=2\pi {\sqrt {L \over g}}\left(1+{\frac {1}{16}}\theta _{0}^{2}+{\frac {11}{3072}}\theta _{0}^{4}+{\frac {173}{737280}}\theta _{0}^{6}+{\frac {22931}{1321205760}}\theta _{0}^{8}+\cdots \right)\end{alignedat}}}

Similar questions