Hindi, asked by rajendraguptackt1978, 3 months ago

सरल तरल जिन तुहिन कणों से हँसती हर्षित होती है,
अति आत्मीया प्रकृति हमारे साथ उन्हीं से रोती है।
अनजानी भूलों पर भी वह अदय दण्ड तो देती है,
पर बूढ़ों को भी बच्चों-सा सदय भाव से सेती है।​

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Answered by Anonymous
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हँसती हर्षित होती है,

अति आत्मीया प्रकृति हमारे साथ उन्हीं से रोती है।

अनजानी भूलों पर भी वह अदय दण्ड तो देती है,

पर बूढ़ों को भी बच्चों-सा सदय भाव से सेती है।

Answered by vinitadubey2825
1

Answer:

मुझे नहीं पता

Explanation:

मुझे नहीं पता

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