सरल ऊतक एवजीटल ऊ
2. विसरण एवं परासरण को समझाइये।
Answers
Answered by
0
Answer:
विलायक का कम सान्द्रता के विलयन से अधिक सान्द्रता के विलयन की ओर अर्द्धपारगम्य झिल्ली में से होकर स्वतः प्रवाह करते हैं , परासरण कहलाता है । वह क्रियाविधि जिसमें विलेय के अणु या कण विलयन में जाकर उसके सभी भागों की सान्द्रता को समान कर देते हैं , विसरण कहलाता है ।
Similar questions