सरल वाक्य, संयुक्त वाक्य, मिश्रा वाक्य की पहचान वाले योजको को लिखिए। सरल वाक्य की पहचान कैसे करें
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मिश्रवाक्य
जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य जुड़े हो, परंतु उनमें एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो, उसे मिश्रवाक्य कहते हैं।
मिश्रवाक्य में आश्रित या गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य पर निर्भर होते हैं।
मिश्रवाक्य व्यधिकरण योजकों के युग्म-जैसा-वैसा, जो-सो, जिसकी-उसकी, जहाँ-वहाँ, जब-तब, जैसी-वैसी, यदि-तो, – जब तक-तब तक, जिन्हें-उन्हें आदि से जुड़े होते हैं।
स्वतंत्र उपवाक्य को प्रधान उपवाक्य भी कहा जाता है।
Step-by-step explanation:
मिश्रवाक्य
जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य जुड़े हो, परंतु उनमें एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो, उसे मिश्रवाक्य सरल वाक्य
सरल वाक्य एक कर्ता तथा एक क्रिया के मेल से बनता है। इसमें कोई उपवाक्य जुड़ा नहीं होता है।
जैसे- कछुए ने खरगोश को हरा दिया।
नौकर ने समय पर काम पूरा कर लिया।
ड्राइवर समय से बस लेकर नहीं आया।
पक्षी शाम होते ही घोंसले की ओर लौट आते हैं।
दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक (समुच्चयबोधक अव्यय) द्वारा जुड़े होते हैं तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं।
संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ –
संयुक्त वाक्य के उपवाक्य आपस में योजकों- या, वा, अथवा, इसलिए, और, किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, एवं आदि से जुड़े होते हैं।
इनमें प्रयुक्त उपवाक्य स्वतंत्र अर्थ का बोध कराते हैं।
इनमें प्रयुक्त उपवाक्य समान स्तर के होते हैं।