Hindi, asked by saniafathima706, 3 days ago

Saransh on prakruti ki leela niyari hai poem . Note : if you know the answer then only answer otherwise please leave .​

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Answered by BrainlyNitya
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कहीं मड़ते बादल,

कहीं बरसता पानी,

कभी चलती तेज हवाएं,

कभी बिल्कुल थम जाती,

वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,

कभी सूरज की रोशनी ,

तेज चिलचिलाती,

घनी अंधेरी रातों में,

चाँद तारे की रोशनी टिमटिमाती,

वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,

कहीं काले आसमां,

तो कहीं सफेद का रूप ले लेती,

कहीं फूल मुरझाये,

तो कहीं नयी कलियाँ खिलती प्यारी,

वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,

कहीं सर्दी में लकड़ियाँ जलती,

कहीं वर्फ से ढकी गालियाँ मिलती,

हर समय, हर छड़,

तू बदलती प्यारी,

वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,

कहीं सुबह ओस की बूंदे,

तो कहीं सूरज की किरणें दिखलाती प्यारी,

जंगलों में मोर नाचता,

और आसमां में चिड़ियाँ चहचहाती प्यारी,

वाह प्रकृति तेरी लीला न्यारी,

अजय राजपूत (झाँसी)

- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।

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