Hindi, asked by mouzauiransari, 5 hours ago

सरस्वती का पावन मंदिर सुबह संपत्ति तुम्हारी है तुम में से हर बालक इसका रक्षक और पुजारी है शत-शत दीपक जला ज्ञान के नवयुग का आह्वान करो.
Iska bavarth bata do please jo sahi answer dega use brainiest ​

Answers

Answered by Srimi55
2

हम इस कविता को प्रोत्साहित गीत भी कह सकते हैं क्योंकि कवि इस कविता में भारत देशवासियों को प्रेरित भी कर रहा है। आप सभी लोग जानते है कि हमारा देश कई युगों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा है। अपने देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए हमारे देश के कई वीर सपूतो ने और माताओ ने हर सभी ने अपना बलिदान देकर इस सोने की धरती को आजाद किया है।

इस आजादी को पाने के लिए हमारे देश के वीर सपूतो ने हँसते-हँसते हुए फांसी की सुली पर अपना प्राण त्याग दिया है। हमारे देश की कितने माताओं विधवा हो चुकी थी। और बच्चे भी अनाथ हो गए हैं तब जाकर हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली।

कवि अपने कविता के माध्यम से देश के युवाओं को सम्बोधित कर रहा है। इस देश की आजादी को बनाए रखने के लिए हमें अपने देश के नव निर्माण के लिए अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर अपने विश्वास, उमंग और कर्तव्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

कवि ने अपने कविता में "उठो धरा के अमर सपूतो " इसलिए कहा है कि भारत वह एक देश है जहां पर हजारों सालों से अत्याचार होता गया है।

कवि देश के युवाओ को आह्वान करते हुए कहा है कि हे मातृभूमि के वीर सपूतो उठो और उठकर अपने देश के पुनः नव निर्माण के कार्यों में जुट जाओ। युगों युगों से हमारा देश गुलामी की जंजीरो में जकड़ा हुआ है।

हमारे देशवासियों के मन में निराशा की भावना भर गई है इसलिए अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देशवासियों में एक बार फिर से आशा की नई किरण भर दो, उनमें एक नयी ताजगी प्रदान कर दो।

नया जीवन का तुम संचार करो। जिससे हर कोई अपने देश के निर्माण में जुट जाए। यह हमारे लिए नई बात है।

सूर्य की किरणें भी हमारे लिए नई है, ज्योति भी हमारे लिए नई है और नयी आशाए भी है, अर्थात् हमारे लिए वह सभी शकि्तयाँ मौजुद है। जिसका सदुपयोग करके हम अपने देश को उन्नति और विकास के रूप में मुस्कान भर सकते हैं।

कवि देश के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कह रहा है कि देखों डाल पर बैठी चिड़िया भी मधुर आवाज में गीत गा रही है और भौरे भी फूल पर गुन-गुन करते हुए मस्ती में मंडरा रही है और अपनी चारों तरफ देखों कलियाँ भी इधर उधर खिल रही है और आपस में खुशी से मुस्कुरा रहे हैं।

आज धरती माँ सज-धज कर एक नए रूप में हमारे सामने खड़ी हुई लग रही है। हम नवीन एवं मंगलमय गीतों की स्वरों से समस्त प्रकृति एवं समस्त बाग बगीचों में गुंजायावान कर दें।

हे भारत माता के वीर सपूतो उठो तुम अपने देश का नव निर्माण करो।

हमारा देश ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में विश्व के किसी भी देश से आगे रहा है । तुम्हारे लिए तुम्हारा देश ज्ञान प्राप्त करने का पवित्र मंदिर के सामान है।

यहाँ के शिक्षा का मंदिर पर तुम्हारा अपना अधिकार है और तुम ही इसके पुजारी हो।

अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए। तुम्हें ज्ञान के सैकड़ों दीपक प्रज्ज्वलित कर एक नए युग का निर्माण करना है अर्थात् ज्ञान के प्रकाश को तुम इतना फैलाओं कि कोई दूसरा अज्ञान बैठा न रहे। हमारे लिए शिक्षा बहुत जरूरी है।

ऐसा न हो कि ज्ञान के अभाव में एक बार फिर से किसी अन्य शक्तियाँ का गुलाम में बन पाए। इसलिए कवि बार-बार आप से आग्रह कर रहा है कि उठो मेरे देश के वीर सपूतो अपने देश का पुनः नव-निर्माण करो.

Answered by ItzBehenKiChuhiya
1

Answer:

bro. nahi sis. hu mai or tumahari english bhi wrong hai !

Similar questions