सरस्वती पुजा पर कोंक्लूसिओन
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hey mate your answer plz mark as brainlist if ihas correct sir
1 फरवरी 2017 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, ये त्योहार हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. जानिये मां सरस्वती का जन्म कैसे हुआ...
पतझड़ के बाद बंसत ऋतु का आगमन होता है बंसत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है. स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है की ऋतुओं में मैं बसंत हूं.
मां सरस्वती से मिलेगा विद्या का वरदान
ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की. लेकिन अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे. उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है.
विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का. पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ.
ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की. लेकिन अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे. उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है.
विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का. पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ.
यह प्राकट्य एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था, जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था. अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी.
मां सरस्वती की सबसे प्रचलित स्तुति...
ब्रह्मा ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया. जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई. संसार के जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई.
तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा. मां सरस्वती विद्या और बुद्धि प्रदान करती हैं. बसंत पंचमी के दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी, इसलिए बसन्त पंचमी के दिन इनका जन्मदिन मनाया जाता है. मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है और विद्या और बुद्धि का वरदान मांगा जाता है.
जानें कैसे मां सरस्वती की विशेष पूजा से निखरेगा व्यक्तित्व
मांगे बुद्धि और ज्ञान का वरदान
मां सरस्वती का संबंध बुद्धि से है, ज्ञान से है. यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव बहुत बढ़ गया है, तो बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन अवश्य करें. मां के आशीर्वाद से आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होंगे.
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तुलसी का पौधा कर देता है मुसीबत
1 फरवरी 2017 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, ये त्योहार हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. जानिये मां सरस्वती का जन्म कैसे हुआ...
पतझड़ के बाद बंसत ऋतु का आगमन होता है बंसत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है. स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है की ऋतुओं में मैं बसंत हूं.
मां सरस्वती से मिलेगा विद्या का वरदान
ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की. लेकिन अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे. उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है.
विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का. पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ.
ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की. लेकिन अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे. उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है.
विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का. पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ.
यह प्राकट्य एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था, जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था. अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी.
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ब्रह्मा ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया. जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई. संसार के जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई.
तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा. मां सरस्वती विद्या और बुद्धि प्रदान करती हैं. बसंत पंचमी के दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी, इसलिए बसन्त पंचमी के दिन इनका जन्मदिन मनाया जाता है. मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है और विद्या और बुद्धि का वरदान मांगा जाता है.
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मांगे बुद्धि और ज्ञान का वरदान
मां सरस्वती का संबंध बुद्धि से है, ज्ञान से है. यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव बहुत बढ़ गया है, तो बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन अवश्य करें. मां के आशीर्वाद से आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होंगे.
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brevinsahoo:
I want long essay which will get brainliest
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Saraswati Puja is one of the many festivals that the Hindu celebrates all over the world. it is the festival which is celebrated in the honor of goodness of learning
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