Hindi, asked by Rushikrsingh, 5 months ago

सरसति के भंडार की, बड़ी अपूरब बात।
ज्यों खरचे त्यों-त्यों बढ़े, बिन खरचे घटि जात।।

ये कवी वृन्द का दोहा है।
इसका अर्थ लिखे।​

Answers

Answered by PrateekG4
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Answer:

सरस्वति के भंडार की, बड़ी अपूरब बात। ज्यों खरचै त्यों-त्यों बढ़ै, बिन खरचै घट जात।। "सरस्वती यानी ज्ञान के भंडार की एक विशेषता है कि इसे जितना साझा किया जाए यह उतना ही बढ़ता है। यदि ज्ञान/जानकारी साझा न की जाए तो यह निरंतर घटती रहेगी।"

Explanation:

PLS MARK ME AS BRAINILIST

मेरे जवाब को brainilist की उपाधि दे

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