Sarkari Tantra Mein George Pancham ki naak ko lagane ka jo naya Khabar Chitra hai agar aap Unki Jagah Hote To Kya Karte
Answers
Explanation:
उत्तर :- जॉर्ज पंचम की नामक' पाठ में सरकारी तंत्र का मज़ाक उडाया गया है। पाठ में सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नामक को लेकर जो चिंता बताई गई है, वह उनकी गुलामी और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाती है। भारत को गुलाम बनाकर रखने वाले राजा का सम्मान और रानी को प्रसन्न करने के लिए परेशान सरकारी तंत्र स्वतंत्र होकर भी मानसिक रूप से गुलाम दिखाई देता है, जिसे राष्ट्र के सम्मान की थोडी भी चिंता नहीं है। इतना ही नहीं सरकारी तंत्र किसी भी कार्य के लिए पहले से जागरूक नहीं है। वह मौका आने पर जागृत होता है। मीटिंग बुलाना, मशवरा करना, ज़िम्मेदारी एक-दूसरे पर डालना, दिखावटी चिंता करना, चापलूसी करना-ये सब सरकारी तंत्र का मज़ाक ही है।
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उत्तर :- जॉर्ज पंचम की नामक' पाठ में सरकारी तंत्र का मज़ाक उडाया गया है। पाठ में सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नामक को लेकर जो चिंता बताई गई है, वह उनकी गुलामी और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाती है। भारत को गुलाम बनाकर रखने वाले राजा का सम्मान और रानी को प्रसन्न करने के लिए परेशान सरकारी तंत्र स्वतंत्र होकर भी मानसिक रूप से गुलाम दिखाई देता है, जिसे राष्ट्र के सम्मान की थोडी भी चिंता नहीं है। इतना ही नहीं सरकारी तंत्र किसी भी कार्य के लिए पहले से जागरूक नहीं है। वह मौका आने पर जागृत होता है। मीटिंग बुलाना, मशवरा करना, ज़िम्मेदारी एक-दूसरे पर डालना, दिखावटी चिंता करना, चापलूसी करना-ये सब सरकारी तंत्र का मज़ाक ही है।
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