sarnam visheshan Aur pariman vachak visheshan Ka define Kijiye udaharan sahit
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सार्वनामिक विशेषण :- जो सर्वनाम संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता की ओर संकेत करते हैं उन्हें सार्वनामिक विशेषण भी कहते हैं अथार्त जो सर्वनाम संज्ञा से पहले लगकर संज्ञा की विशेषता की तरफ संकेत करें उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। इन्हें निर्देशक भी कहते हैं।
जैसे :- मेरी पुस्तक , कोई बालक , किसी का महल , वह लड़का , वह बालक , वह पुस्तक , वह आदमी , वह लडकी आदि।
सार्वनामिक विशेषण के भेद :-
1. संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण
2. अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
3. प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण
4. संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण
5. मौलिक सार्वनामिक विशेषण
6. यौगिक सार्वनामिक विशेषण
परिणामवाचक विशेषण :– परिणाम का अर्थ होता है – मात्रा। जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या नाप – तौल के परिणाम की विशेषता बताएं उसे परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे :- चार किलो दूध , थोडा रुपया , एक किलो घी , कम लोग , थोडा आटा , चार किलो चावल , कम तेल , सेर भर दूध , तोला भर सोना , कुछ पानी , सब धन , मुझे थोड़ी चाय दीजिये आदि।
परिणामवाचक विशेषण के भेद :-
1. निश्चित परिणामवाचक विशेषण
2. अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण
1. निश्चित परिणामवाचक विशेषण :– जहाँ पर वस्तु की नाप तौल का निश्चित ज्ञान होता है उसे निश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे :- पांच लिटर घी , दस किलो आलू , सवा दो मीटर कपड़ा
2. अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण :- जहाँ पर वस्तु की नाप -तौल का निश्चित ज्ञान न हो उसे अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे :- थोडा पानी , कुछ आटा , मेले में बहुत आदमी है