sarso ke tela par vigyapan lekhan lekheye.
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एसईए ने पहले इस बारे में पतंजलि आयुर्वेद को लेटर लिखकर शिकायत की थी। असोसिएशन ने कंपनी के विज्ञापन को वापस लेने के लिए कहा था। पतंजलि ने एसईए को लेटर का जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसने FSSAI और ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) के पास जाने का फैसला किया। एसईए के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर बी वी मेहता ने बताया, 'सभी सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टेड ऑइल को कंज्यूम करने लायक बनाने के लिए रिफाइन करना जरूरी है। पहली बात तो यह है कि हेक्सेन नुकसानदायक सॉल्वेंट नहीं है। वहीं, रिफाइनिंग प्रोसेस में इसे ऑइल से पूरी तरह अलग किया जाता है। इसलिए रिफाइनिंग प्रोसेस के बाद मिलने वाला ऑइल इंसानों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।' मेहता ने कहा कि एन-हेक्सेन से इंसान में कैंसर का खतरा बढ़ने के कोई सबूत आजतक नहीं मिले हैं।
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