sarvajanik Vitran Pranali ki 6 kamiya? plz ans
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Explanation:
भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कई मुद्दों पर आलोचना की गई है, आलोचना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं –
कुछ सर्वेक्षणों के आधार पर यह बात सामने आई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को अब भी खुले बाज़ार पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है, अर्थात् इन क्षेत्रों में PDS का सम्पूर्ण लाभ नहीं पहुँच पाया है।
इस प्रणाली में वस्तुओं पर दी जाने वाली सब्सिडी के कारण राजकोष पर भारी दबाव पड़ता है। हालाँकि सीधे लाभ हस्तांतरण (DBT) द्वारा सब्सिडी को नियंत्रित करने का प्रयास सरकार द्वारा किया गया है।
कुछ आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार भारत की यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली, वस्तुओं की कीमतों में उछाल का प्रमुख कारण है क्योंकि सरकार द्वारा खाद्यान्न की बड़ी खरीद खुले बाज़ार में इसकी उपलब्धता को कम कर देती है।
इस प्रणाली के लाभों का वितरण देश में समरूप नहीं है। इसमें क्षेत्रीय विषमताएँ विद्यमान हैं। जैसे दक्षिण के राज्यों ने अपनी गरीब आबादी के एक बड़े हिस्से को इसका लाभ पहुँचाने में सफलता पाई जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में गरीबों की एक बड़ी आबादी इसके लाभों से वंचित रह गई।
भारतीय खाद्य निगम के संचालन में भी खामियाँ हैं। शांता कुमार समिति ने निगम की प्रचालनात्मक कुशलता और वित्तीय प्रबंधन हेतु कई सुझाव दिये थे, परंतु उन पर कोई उल्लेखनीय कदम अब तक नहीं उठाया गया है।
लीकेज इस प्रणाली की एक और बड़ी समस्या रही है। इसमें खाद्यान्न हितग्राहियों तक न पहुँचकर सीधे खुले बाज़ार में पहुँचता है।