"सत की नाव खेवटिया सतगुरु"
सत की नाव से क्या तात्पर्य है?
कृष्ण के प्रति प्रेम
राम रतन धन
गोवर्धन पर्वत
Answers
Answered by
2
Answer:
सत की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो। मीरा,के प्रभु गिरधर नागर, हरख-हरख जस गायो।। शब्दार्थ-पायो = प्राप्त कर लिया है; अमोलक अमूल्य, बेशकीमती किरपा= कृपा, दया; अपनायो- अपना लिया है, स्वीकार कर लिया है। ... व्याख्या-मीराबाई कहती है कि मैंने राम रूपी रत्न को धन के रूप में प्राप्त कर लिया है।
Similar questions