सत्संगति पर अनुच्छेद लिखिए।
Answers
Answer:
Visit our website to see full essay :
hindimanibandh blogspot com
Explanation:
भूमिका
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं। समाज में रहते हुए वह अच्छे - बुरे सभी प्रकार के लोगों के संपर्क में आता हैं। इस प्रकार सारे मनुष्य गुण व दोषों से भरे पड़े हैं। मनुष्य पर गुण व दोषो का प्रभाव संगति से पड़ता है। सज्जनों की संगति में गुण व दुर्जनों की संगति में दोष ही दोष मिलते हैं। संगति का सभी जीवों पर परस्पर प्रभाव पड़ता है। हवा भी गर्मी में ठंड की संगति पाकर वैसे ही बन जाती है। मानव समाज में लोगों की संगति को सत्संगति कहते हैं।
सज्जन के लक्षण
सभी विद्वान व ग्रंथ सज्जनों की संगति करने को कहते हैं। इसलिए हमें जानना चाहिए कि सज्जनों की क्या पहचान है अर्थात् सज्जन और दुर्जन में क्या अंतर है। सज्जन लोग ज्ञान का भंडार होते हैं। वे सदैव दूसरे के हित में लगे रहते हैं। अपने जीवन को उन्नत बनाने के लिए सदैव परिश्रम पूर्वक सद्कार्यों में जुटे रहते हैं। वे स्वयं सत्य बोलते हैं और अपने निकट आने वाले में भी सत्य का संचार करते हैं। सज्जन लोगों का ह्रदय अत्यंत कोमल होता है। वे दया की मूर्ति होते हैं। वे दूसरों के दुःख में दुःखी व दूसरों के सुख में सुखी होते हैं। वे दूसरों की सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसके विपरीत दुर्जन लोगों को दूसरों का अहित करने में आनंद आता है। वे दूसरों के दुःख को देख कर खुश होते हैं। ईष्र्या जलन, क्रोध, छल, कपट उनके प्रमुख गुण होते हैं।______________________________________________________________________
Visit our website to see full essay :
hindimanibandh blogspot com