Hindi, asked by gag96672, 1 day ago

सत्संगति पर निबंध very easy of 100 word​

Answers

Answered by BʀᴀɪɴʟʏAʙCᴅ
0

\huge\mathcal{\gray{\underbrace{\orange{A}\green{n}{\color{pale}{S}}{\color{coral}{W}}{\color{mediumvioletred}{e}}{\color{gold}{R}}\:}}}

हमारे जीवन को सार्थक बनाने के लिए सत्संगति का बड़ा योगदान रहता है। इसका प्रभाव एक सामान्य इंसान को भी महान बना देता है। सत्संगति से हमें आदर और सत्कार मिलते है और हमारी कीर्ति विस्थापित होती है। जैसे पारस के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है, वैसे ही सत्संगति के प्रभाव से व्यक्ति सत्मार्ग की ओर चलने लगता है।

सत्संगति का अर्थ है-'अच्छी संगति'। वास्तव में 'सत्संगति' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है-'सत्' और संगति अर्थात् 'अच्छी संगति'। 'अच्छी संगति' का अर्थ है-ऐसे सत्पुरूषों के साथ निवास जिनके विचार अच्छी दिशा की ओर ले जाएँ।

सत्संगति से ही मनुष्य में मानवीय गुण उत्पन्न होते हैं और उसका जीवन सार्थक बनता है । सत्संगति में ज्ञानहीन मनुष्य को भी विद्वान बनाने की सामर्थ्य होती है । सत्संगति वास्तव में मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है और उसमें सद्‌गुणों का संचार करती है । इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाला प्रत्येक बालक अबोध होता है ।

अच्छे लोगों की संगति से आप अपने पढ़ाई के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ सकते हैं और पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने शिक्षक अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सकते हैं । अच्छे लोगों की संगति से पढ़ाई के क्षेत्र में बड़ी बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकते हैं । सत्संगति यदि हम करते हैं तो हमारी सकारात्मक सोच बनती है ।

इसमें रविदास मन की पवित्रता पर जोर देते हैं। वह कहते हैं कि जिस व्यक्ति का मन पवित्र होता है, उसके लिए एक कठौती (एक बर्तन) का सामान्य पानी भी गंगा की तरह पवित्र होता है। अगर ईश्वर से मिलना है तो मन को पवित्र रखना जरूरी है।

Similar questions