सत्संगति: दीक्षु कीर्तिं तनोति।(दीक्षु) केषु कासु कान् Other:
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जाड्यं धियो हरति सिंचति वाचि सत्यं , मानोन्नतिं दिशति पापमपाकरोति | चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्तिं , सत्संगतिः कथय किं न करोति पुंसाम् || अर्थात्: अच्छे मित्रों का साथ बुद्धि की जड़ता को हर लेता है ,वाणी में सत्य का संचार करता है, मान और उन्नति को बढ़ाता है और पाप से मुक्त करता है | चित्त को प्रसन्न करता है और ( ...
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Definition of Diksha
स्त्री० [सं०√दीक्ष् (यज्ञ करना)+अ-टाप्] १. सोमयागादि का संकल्प-पूर्वक अनुष्ठान करना। २. यज्ञ करना। यजन। ३. किसी पवित्र मंत्र की वह शिक्षा जो आचार्य या गुरू से विधिपूर्वक शिष्य बनने अथवा किसी संप्रदाय में सम्मिलित होने के समय ली जाती है। क्रि० प्र०—देना।—लेना। ४. उपनयन संस्कार, जिसमें विधिपूर्वक गुरु से मंत्रोपदेश लिया जाता है। ५. गुरुमंत्र। ६. पूजन
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