World Languages, asked by akshaykhati15, 3 months ago



सत्सङ्गतिः जीवने किं किं करोति ?​

Answers

Answered by anujkoltharkar9087
3

Answer:

सत्सङ्गति कथय किं न करोति पुंसाम्।" - ...

जाड्यं धियो हरति सिंचति वाचि सत्यं,

मानोन्नति दिशति पापमपाकरोति ।

चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्तिं,

सत्सङ्गति कथय किं न करोति पुंसाम्।।

सज्जनों की संगति से व्यक्ति का केवल उपकार ही होता है, इसी कथ्य को कवि ने बड़ी सुन्दरता से इस श्लोक में बताया है।

Explanation:

I hope my answer is correct...

Answered by sohampatil1645
0

Answer:

सत्सङ्गति कथय किं न करोति पुंसाम्।" - ...

जाड्यं धियो हरति सिंचति वाचि सत्यं,

मानोन्नति दिशति पापमपाकरोति ।

चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्तिं,

सत्सङ्गति कथय किं न करोति पुंसाम्।।

सज्जनों की संगति से व्यक्ति का केवल उपकार ही होता है, इसी कथ्य को कवि ने बड़ी सुन्दरता से इस श्लोक में बताया है।

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