सत्ता का क्षैतिज वितरण तथा सत्ता का उर्ध्वाधर वितरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो
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सत्ता का क्षैतिज वितरण उनमें से ही एक रूप है। सत्ता के क्षैतिज वितरण में सरकार के विभिन्न अंग होते हैं, जो समान स्तर पर कार्य करते हैं और एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। ... इस तरह के वितरण में कार्यपालिका सत्ता का मुख्य उपयोग करती है, वह न्यायपालिका की नियुक्ति भी करती है और विधायिका के माध्यम से कानून भी बनाती है।
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क्षैतिज वितरण
☆लोकतंत्र में शासन के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है। उदाहरण के लिए; विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा। इस प्रकार के बँटवारे में सत्ता के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। इसलिए इस प्रकार के बँटवारे को क्षैतिज बँटवारा कहते हैं।
उर्ध्वाधर वितरण
☆सत्ता का उर्ध्वाधर वितरण भी इन्ही स्परूपों में से एक स्वरूप है। इस वितरण में सत्ता का वितरण ऊपर से नीचे के क्रम में होता है अर्थात एक केंद्रीय सत्ता होती है, फिर राज्य स्तरीय सत्ता आती है। राज्यों के बाद जिला स्तरीय या नगर स्तरीय या ग्रामीण स्तरीय सत्ता होती है। शक्ति का वितरण भी ऊपर से नीचे की ओर कम होता जाता है।