Hindi, asked by aradhanapathak1987, 4 months ago

(२) सत्य विधान के सामने सत्य और असत्य विधान के सा
१. मनुष्य शब्दों को अर्थ देता है, जीवित रखता है।​

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Answered by islamjaha949
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Answer:

कर्म हिंदू धर्म की वह अवधारणा है, जो एक प्रणाली के माध्यम से कार्य-कारण के सिद्धांत की व्याख्या करती है, जहां पिछले हितकर कार्यों का हितकर प्रभाव और हानिकर कार्यों का हानिकर प्रभाव प्राप्त होता है, जो पुनर्जन्म का एक चक्र बनाते हुए आत्मा के जीवन में पुन: अवतरण या पुनर्जन्म[1] की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं की एक प्रणाली की रचना करती है। कहा जाता है कि कार्य-कारण सिद्धांत न केवल भौतिक दुनिया में लागू होता है, बल्कि हमारे विचारों, शब्दों, कार्यों और उन कार्यों पर भी लागू होता है जो हमारे निर्देशों पर दूसरे किया करते हैं। [2] जब पुनर्जन्म का चक्र समाप्त हो जाता है, तब कहा जाता है कि उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, या संसार से मुक्ति मिलती है।[3] सभी पुनर्जन्म मानव योनि में ही नहीं होते हैं। कहते हैं कि पृथ्वी पर जन्म और मृत्यु का चक्र 84 लाख योनियों में चलता रहता है, लेकिन केवल मानव योनि में ही इस चक्र से बाहर निकलना संभव है।

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