Science, asked by karanbhatnagar0302, 5 months ago

सत्यनाशी या आर्जीमोन के बीज किसके बीजों में मिलावट हेतु प्रयोग होते​

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Answered by prabhjotsingh3611998
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Answer:

यह है आर्जीमोन

इसका वैज्ञानिक नाम आर्जीमोन मेक्सिकाना है। यह पौधा सर्दियों में फूल देता है। कटीले पौधे की पत्तियां चौड़ी होती हैं। पीले फूल निकलते हैं, इसके बाद सरसों की फली की तरह ही छोटी गोल फली निकलती है। इसमें सरसों के दाने की तरह काले बीज होते हैं। इस पौधे को आम बोलचाल में कटइया बोलते हैं। इसके बीज सरसों के दानों के साथ मिलाकर बेच दिये जाते हैं। इनकी पहचान करना मुश्किल होता है। इन बीजों से हल्के पीले रंग का गैर खाद्य तेल निकलता है। जिसमें जहरीला रसायन होता है।

आर्जीमोन का मतलब ड्राप्सी को दावत

पूर्व एसीएमओ डॉ. शरद चंद्रा कहते हैं कि यदि सरसों के तेल में मिश्रित आर्जीमोन लंबे समय तक खाद्य तेल के रूप में प्रयोग किया जाय तो ड्राप्सी हो सकता है। यह बीमारी महामारी के रूप में फैलती है। इसमें पूरे शरीर में पहले सूजन आती है। सूजन सबसे अधिक पैरों में होती है। इस बीमारी का असर हृदय, किडनी, लीवर पर पड़ता है। निमोनिया भी हो जाता है। ड्राप्सी पीड़ित व्यक्ति की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।

विशेष अभियान के दौरान सरसों के तेल के नमूने लिये गये थे। दो नमूनों में आर्जीमोन के मिलावट की बात सामने आई है। वाराणसी से आई जांच रिपोर्ट की और पुष्टि कराने के लिये संरक्षित किये गये नमूनों को सेंट्रल लैबोरेटरी कोलकाता भेजने की तैयारी चल रही है। यहां से रिपोर्ट में भी यदि आर्जीमोन की पुष्टि हुई तो दोषियों के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा। इसकी पुष्टि होने पर छह माह का आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा हो सकती है।

कौशलेंद्र शर्मा, मुख्य खाद्य सुरक्षाधिकारी

चंद पैसे के लिए कई जिंदगियों से खेल रहे

आटा, चीनी के साथ नमक में भी हो रही मिलावट

सीतापुर। खाद्य सामग्रियों मेें मिलावट का खेल बदस्तूर जारी है। आटा, दाल, बेसन, मसाले, साबूदाना, चीनी, चाय, काफी, दूध, खोया ही नहीं नमक भी मिलावटी बिक रहा है। चंद पैसा की लालच में लोग कई जिंदगियों के लिए खतरा बन चुके हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर की जाने वाली सैंपलिंग की जांच रिपोर्ट बताती है कि नकली को असली बनाने के लिए खाद्य सामग्री में कुछ ऐसे रसायन मिलाए जाते हैं तो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।

चिकित्सकों का कहना है कि सरसों तेल में आर्जीमोन मेक्सिकाना के बीज व नागफनी के बीज पीसकर मिला दिए जाते हैं। दालोें में बीटा, आक्सिल, एमीनो, एलाइन और ब्लाइक्सो, एसिड जैसे खतरनाक रसायन मिले होते हैं। इस दाल को खाने से बच्चों की हड्डियां टेढ़ी हो जाती हैं और पेट बाहर निकल आता है। मिलावट का धंधा जोरों पर चल रहा है लेकिन जिम्मेदार महकमा त्योहारों पर छापेमारी कर अपनी पीठ थपथपा लेता है। मिर्च, हल्दी, चाय की पत्ती में मिलावट कर रोजाना जिले में लाखों के वारे-न्यारे हो रहे हैं। खाद्य विभाग के एक अधिकारी की मानें तो मिलावटखोरों को पुलिस का भी संरक्षण प्राप्त है।

यह मिलाते हैं

वस्तु अपमिश्रण

आटा अत्यधिक भूसी, चोकर, चाक, पाउडर व सफेद बालू।

दाल-बेसन खेसारी दाल, मेटानील यलो रंग,

साबूदाना बालू या टेलकम

चीनी धोने वाला सोडा, खड़िया, चाक पाउडर

काफी भुना खजूर, इमली बीजा का पाउडर

चाय की पत्ती लौह चूर्ण, रंगी हुयी इस्तेमाल की गयी चाय

काली मिर्च पपीते का बीज

धनिया सूखा गोबर, बुरादा

नमक पत्थर का चूर्ण या सफेद बालू

हल्दी पाउडर लेड क्रोमेट

तेल आर्जीमोन, आक्सीमोनिया, नागफनी के बीज

दूध यूरिया व अन्य रासायनिक पदार्थ

खोया आलू, घुइयां, शकरकंद, मैदा व पाउडर

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