Hindi, asked by rumisingh09651, 6 months ago

सत्यवादी हरिश्चंद्र दानी जूते​

Answers

Answered by rainasuman917
1

Answer:

राजा हरिश्चंद्र को बच्चे नहीं हो रहे थे. उन्होंने वरुण देवता की पूजा की और उनसे कहा कि अगर आप मुझे एक बेटा दे दें तो मैं उसी को यज्ञ पशु बना कर आपका यज्ञ करूंगा. वरुण देवता ने कहा ओके और डील डन हो गई.

हरिश्चंद्र का बेटा हुआ और उसका नाम रखा गया रोहित. वरुण भगवान ने कहा चलो बेटा अब यज्ञ कराओ. हरिश्चंद्र को बच्चे पर प्यार आ रहा था. उसने कहा जब बच्चा 10 महीने का हो जाएगा तभी यज्ञ के लायक होगा. भगवान वरुण बोले ठीक. फिर 10 महीने बाद वरुण के पूछने पर हरिश्चंद्र ने कहा कि बच्चे के दांत निकल आने दीजिए. फिर यज्ञ करेंगे.

ऐसे ही बहाने मार मारकर हरिश्चंद्र ने भगवान वरुण को कई बरसों तक टहलाया. दरअसल हरिश्चंद्र को बच्चे से मोह हो गया था और अब वो उसे खोना नहीं चाहते थे सो झूठ बोलकर टरका रहे थे.जब रोहित को पता चला कि उसके पापा तो उसकी जान के अगेंस्ट लोन लिए हुए हैं, वो जंगल की ओर निकल लिया.

कुछ सालों बाद उसे पता चला कि वरुण देवता ने पापा हरिश्चंद्र पर अटैक कर दिया है और वो बीमार पड़ गए हैं. वो घर जाने को हुआ पर इंद्र ने उसे रोक लिया. 6 साल बाद रोहित ने अजीतर्ग नाम के एक गरीब ब्राह्मण से उनके बेटे शुन:शेप को खरीदा. उसको यज्ञ पशु बनाकर यज्ञ करने के बाद हरिश्चंद्र की बीमारी खत्म हुई और वरुण ने उनको माफ किया.

Answered by Anonymous
1

i hope u like my ans brother

Similar questions