सतगुरु की महिमा आवौ हट संदर्भ सहित व्याख्या
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सतगुरु की महिमा अनंत
अनंत किया उपकार
लोचन अनंत उघाडिया
अनंत दिखावन्हार
महात्मा कबीर सच्चे गुरु की महत्ता को प्रतिष्ठित करते हुए यहाँ तक कहते है ... गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागू पाँव ,
बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय .
.कितना आश्चर्य जनक है की गुरु गोविन्द में से पहिले कबीर साहब ने गुरु को स्थान
दिया .
लेकिन वर्तमान में सदगुरु ढूंढे नहीं मिल रहे ..स्कूल कालेजके अध्यापको की गरिमा भी पहिले के जमाने जैसी नहीं रही .भोग-विलास और ऐश्वर्य
के मोहजाल में जब गुरुजन ही फंसा हो तो अपने शिष्यों को क्या ज्ञान देगा ,क्या
मुक्ति देगा ? अब गुरुओ के प्रति कोई श्रृद्धा भाव क्यों नहीं रहा है .ये प्रश्न वर्तमान में
इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है की समाज में विसंगतियों का अँधेरा दिनोदिन घना हो
रहा है .
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